चंडीगढ़ में 15 साल पहले एमबीए छात्रा से दुष्कर्म और फिर हत्या मामले में अदालत ने सीरियल किलर को दोषी करार दिया है। अदालत ने आरोपी को उम्रकैद की सज़ा सुनाई है, साथ ही 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। जिस समय अदालत ने आरोपी को दोषी ठहराया, उस समय मृतका के माता-पिता भी मौजूद थे, जिन्हें 15 साल बाद न्याय मिलने की उम्मीद जगी।
क्या है पूरा मामला?
करीब 15 साल पहले, 2010 में सेक्टर-38 में पुलिस को 21 वर्षीय एमबीए छात्रा का शव मिला था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि छात्रा के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या की गई थी। कई सालों तक जांच के बावजूद पुलिस को कोई सुराग नहीं मिला, जिसके बाद पुलिस ने अदालत में ‘अनट्रेस रिपोर्ट’ दायर कर दी। हालांकि पुलिस ने गुप्त रूप से जांच जारी रखी।
पुलिस ने छात्रा के शव से डीएनए सैंपल लेकर लगभग 100 लोगों से मिलान किया, लेकिन कोई मैच नहीं मिला। पिछले साल पुलिस को बड़ी सफलता मिली, जब शाहपुर कॉलोनी (डड्डूमाजरा) के रहने वाले मोनू कुमार(टैक्सी चालक) को शक के आधार पर हिरासत में लेकर उसका डीएनए सैंपल लिया गया। जांच में पाया गया कि आरोपी मोनू कुमार का डीएनए मृतक एमबीए छात्रा से मेल खाता है। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी थी। अब अदालत ने उसे दोषी मानकर उम्रकैद की सजा सुना दी है।