शिरोमणि अकाली दल के सीनियर नेता बिक्रम सिंह मजीठिया याचिका पर आज फिर पंजाब एवं हरियाणा कोर्ट में सुनवाई हुई। ये याचिका अग्रिम जमानत पर थी जिस कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है। मिली जानकारी के अनुसार कोर्ट ने सुनवाई के दौरान फैसला सुनाते हुए मजीठिया को कोई राहत नहीं दी और उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है।
गौरतलब है कि ये यह मामला वर्ष 2022 से जुड़ा है। उस समय अमृतसर जोन में जमीन खरीद से जुड़े एक मामले में पंजाब पुलिस ने कुछ अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। एफआईआर में मजीठिया का नाम शामिल नहीं था, लेकिन संभावित गिरफ्तारी की आशंका को देखते हुए मजीठिया ने अग्रिम जमानत की याचिका दायर की थी। इस दौरान हाई कोर्ट ने कहा कि FIR में मजीठिया का नाम ही नहीं है, तो अग्रिम जमानत याचिका दायर करने का कोई मतलब ही नहीं बनता। इसी आधार पर कोर्ट ने जमानत याचिका को खारिज कर दिया।
आपको बता दें, गत दिन भी पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में बिक्रम मजीठिया की जमानत को लेकर सुनवाई हुई थी। इस दौरान कोर्ट ने आज यानी 7 नवंबर को सुनवाई की फैसला सुनाया था। गौरतलब है कि 3 बार विधायक रह चुके बिक्रम मजीठिया को 25 जून को सुबह