प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को गुजरात के भावनगर पहुंचे। यहां पीएम मोदी ने ‘समुद्र से समृद्धि’ कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया और 34,200 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इसके बाद पीएम मोदी एक जनसभा को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा, ये कार्यक्रम तो भावनगर में हो रहा है, लेकिन ये कार्यक्रम पूरे हिंदुस्तान का है। पूरे भारत में समुद्र से समृद्धि से जाने की ओर हमारी दिशा क्या है, उसके लिए आज इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम का केंद्र भावनगर को चुना गया है। गुजरात और भावनगर के लोगों को बहुत बहुत बधाई। 17 सितंबर को आप सबने अपने नरेन्द्र भाई को जो शुभकामनाएं भेजी हैं, देश और दुनिया से जो मुझे शुभकामनाएं मिली हैं… व्यक्तिगत तौर पर सबका धन्यवाद करना संभव नहीं है, लेकिन भारत के कोने-कोने से, विश्वभर से ये जो प्यार मिला है, आशीर्वाद मिले हैं। ये मेरी बहुत बड़ी संपत्ति है, ये मेरी बहुत बड़ी ताकत है। इसलिए मैं आज सार्वजनिक रूप से देश और दुनिया के सभी महानुभावों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।
‘100 दुखों की एक ही दवा है और वह है आत्मनिर्भर भारत’
पीएम मोदी ने आगे कहा, भारत आज विश्वबंधु की भावना से आगे बढ़ रहा है। दुनिया में हमारा कोई बड़ा दुश्मन नहीं है। सच्चे अर्थ में अगर हमारा कोई दुश्मन है तो वो है दूसरे देशों पर हमारी निर्भरता…। यही हमारा सबसे बड़ा दुश्मन है और हमें मिलकर भारत के इस दुश्मन को हराना ही होगा। जितनी ज्यादा विदेशी निर्भरता… उतनी ज्यादा देश की विफलता। विश्व में शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए… दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाले देश को आत्मनिर्भर बनना ही होगा। 140 करोड़ देशवासियों के भविष्य को हम दूसरों पर या उनकी निर्भरता पर नहीं छोड़ सकते। भावी पीढ़ी के भविष्य को दांव पर नहीं लगाया जा सकता है। 100 दुखों की एक ही दवा है और वह है आत्मनिर्भर भारत, इसलिए हमें चुनौतियों से टकराना होगा और भारत को आत्मनिर्भर बनकर दुनिया के सामने खड़ा होना होगा।