Home news मुख्यमंत्री ने केंद्र से विशेष राहत पैकेज की मांग की समीक्षा बैठक के दौरान प्रधानमंत्री के समक्ष हिमाचल से जुड़े विभिन्न मामलों को उठाया

मुख्यमंत्री ने केंद्र से विशेष राहत पैकेज की मांग की समीक्षा बैठक के दौरान प्रधानमंत्री के समक्ष हिमाचल से जुड़े विभिन्न मामलों को उठाया

Chief Minister demanded special relief package from the Center, raised various issues related to Himachal before the Prime Minister during the review meeting

by punjab himachal darpan

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को हिमाचल प्रदेश में इस मानसून के दौरान भारी बारिश और बाढ़ के कारण उत्पन्न स्थिति का आकलन करने के लिए आपदा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। इसके उपरांत उन्होंने कांगड़ा हवाई अड्डे में समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।

 

 

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने प्रधानमंत्री का स्वागत किया और उन्हें सम्मानित किया। उन्होंने प्रधानमंत्री को इस मानसून सीजन में भारी बारिश के कारण हुए नुकसान से अवगत करवाया। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार प्रभावित परिवारों को प्रदेश के सीमित संसाधनों से हर संभव सहायता प्रदान कर रही है। लेकिन प्रभावितों को राहत प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार से तत्काल अतिरिक्त सहायता की आवश्यकता है।

 

 

 

श्री सुक्खू ने वन संरक्षण अधिनियम के तहत छूट प्रदान करने का आग्रह किया ताकि विस्थापित परिवारों को वन भूमि पर बसाया जा सके क्योंकि हिमाचल प्रदेश में 68 प्रतिशत भूमि वन भूमि के तहत है।मुख्यमंत्री ने इस बात पर बल दिया कि भारी बारिश के कारण हुए नुकसान की भरपाई के लिए राज्य के संसाधन अपर्याप्त हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से विशेष राहत पैकेज की मांग की। इसके अतिरिक्त उन्होंने केंद्र से दो प्रतिशत अतिरिक्त उधार सीमा की अनुमति देने का आग्रह किया ताकि प्रभावितों को प्रभावी तरीके से राहत प्रदान की जा सके।

 

 

आपदा के कारण क्षतिग्रस्त सरकार की परियोजनाओं के लिए अपर्याप्त सहायता को रेखांकित करते हुए मुख्यमंत्री ने वर्तमान मापदंडों में संशोधन पर बल देते हुए कहा कि क्षतिग्रस्त परियोजनाओं के सुधार कार्यों में नई परियोजनाओं के निर्माण कार्यों की तुलना में अधिक व्यय होता है।

 

 

अभी तक राज्य सरकार को बहुत कम और विलंब से सहायता मिल रही है। बाढ़ की स्थिति में महीनों तक बंद रहने वाली राज्य की जल विद्युत परियोजनाओं पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान फ्रेक वर्क में इस प्रकार की क्षति का आकलन नहीं किया जाता है। उन्होंने केंद्र से अनुरोध किया कि हिमाचल की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए इस दृष्टिकोण पर पुनर्विचार किया जाए।

 

 

मुख्यमंत्री ने राज्य की विकासात्मक परियोजनाओं के लिए केंन्द्रीय सहायता की मांग की। इसके अतिरिक्त उन्होंने जलविद्युत उत्पादन से मुफ्त रॉयलिटी की मांग, 40 वर्षों के उपरांत केन्द्रीय सार्वजनिक उपक्रमों के स्वामित्व वाली बिजली परियोजनाओं को राज्य को हस्तातंरित करने की हिमाचल की मांग को भी दोहराया।

 

 

उन्होंने कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तार, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण परियोजनाओं के अन्तर्गत ऑल वेदर सुरंगों के निर्माण और प्रतिकूल मौसम की स्थिति में संपर्क सुविधा सुनिश्चित करने के लिए वैकल्पिक पर्वतीय मार्गोें के विकास के लिए भी केंद्र से सहयोग का आग्रह किया। कुल्लू से मनाली जाने वाले यात्रियों की सुविधा के दृष्टिगत महत्त्वपूर्ण भूभूजोत सुरंग परियोजना संबंधी मामला भी प्रधानमंत्री के समक्ष रखा।

 

 

मुख्यमंत्री ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों का व्यक्तिगत रूप से निरीक्षण करने और प्रदेश के लिए बहुमूल्य समय देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया।

 

 

बैठक में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल, उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठाानिया, कृषि मंत्री चंद्र कुमार, आयुष मंत्री यादविन्द्र गोमा, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, सांसद डॉ. राजीव भारद्वाज और कंगना रणौत, उप-मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, अतिरिक्त मुख्य सचिव के.के. पंत और मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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