Home बड़ी खबरेnews महानगर में चारों ओर फैली Smog का प्रकोप, भयानक बीमारियों का शिकार हो रहे लोग

महानगर में चारों ओर फैली Smog का प्रकोप, भयानक बीमारियों का शिकार हो रहे लोग

Smog engulfs the metropolis, causing people to suffer from serious illnesses.

महानगर में मौसम ने इस हफ्ते अचानक करवट बदल दी है। बीती रात से तापमान में आई गिरावट ने पूरे शहर को ठंडक की चपेट में ला दिया है। सुबह के समय हवा में ऐसी ठंडक महसूस हुई कि लोगों ने गर्म कपड़े निकाल दिए। वहीं सुबह-शाम हवा में स्मॉग नुमा धुंध छा जाती है। हवा में स्मॉग छा जाने से लोग छाती रोग, सांस की बीमारियों व आंखों में जलन जैसे रोगों का शिकार हो रही हैं। अगर समय रहते बारिश न पड़ी तो लोगों की समस्याएं बढ़ सकती हैं। वहीं विशेषज्ञों ने उक्त मौसम में ज्यादातर सुबह-शाम बाहर न घुमने की सलाह दी है। लोगों का कहना है कि अचानक मौसम ठंडा होने से बच्चों और बुजुर्गों को दिक्कतें बढ़ने लगी हैं। शहर के कई हिस्सों में हल्की धुंध (स्मॉग) देखने को मिली। तापमान में 2–4 डिग्री तक गिरावट आई है।

 

स्मॉग से ये हो सकते हैं नुक्सान

प्रदूषण नियंत्रण विशेषज्ञों ने बताया कि स्मॉग होने पर वातावरण में मिश्रित प्रदूषण करने वाले हानिकारक तत्व हवा में मौजूद रहते हैं। पटाखों के धुएं से सूक्ष्म पर्टिकुलेट कण, ओजोन, नाइट्रोजन मोनोऑक्साइड और सल्फर डाई ऑक्साइड बढ़ जाती है। वहीं पराली जलाने से सी.ओ.टू. व सी.ओ. गैस निकलती हैं, जो लोगों की सेहत के लिए बहुत खतरनाक हैं। सर्दी के मौसम में किसी भी चीज से निकलने वाले धुएं में सूक्ष्म कण बहुत बड़ी संख्या में होते हैं। इन सूक्ष्म कणों की मोटाई करीब 2.5 माइक्रोमीटर होती है और अपने इतने छोटे आकार के कारण यह सांस के साथ फेफड़ों में घुस जाते हैं और बाद में हृदय को भी नुक्सान पहुंचा सकते हैं। वहीं इन्हीं कणों के कारण केवल आंखों में जलन, बल्कि आंखें लाल होना, आंखों में एलर्जी आदि हो सकती है। टी.बी. दमा के रोगियों को सांस लेने में दिक्कत महसूस होती है।

 

क्या है स्मॉग

‘स्मॉग’ शब्द अंग्रेजी के दो शब्दों ‘स्मोक व फोग’ से मिलकर बना है। आम तौर पर जब ठंडी हवा किसी भीड़भाड़ वाली जगह पर पहुंचती है तो स्मॉग बनता है। ठंडी हवा भारी होती है, इसलिए वह रिहायशी इलाके की गर्म हवा के नीचे एक परत बना लेती है। गर्म हवा हमेशा ऊपर की ओर उठने की कोशिश करती है और थोड़ी ही देर में चक्रवती गतिविधि होती है तो हवा की इन दोनों गर्म और ठंडी परतों के बीच हरकतें रुक जाती हैं। इसी खास उल्ट-पुल्ट के कारण स्मॉग बनता है और यही कारण है कि गर्मियों के मुकाबले ठंड के मौसम में स्मॉग ज्यादा आसानी से बनता है। स्मॉग बनने का दूसरा बड़ा कारण प्रदूषण है। उद्योग धंधों और गाड़ियों से निकलने वाला धुंआ तो कहीं चिमनियां, इसके बनने में कारण होती हैं तो अब पटाखों से निकलने वाला धुआं मुख्य कारण बना है।

 

मौसम के बदलते ही गर्म कपड़ों की मांग बढ़ी

मौसम के बदलते ही गर्म कपड़ों की मांग बढ़नी शुरू हो गई है। फोरस चौक पर रविवार को लगने वाले बाजार में गर्म कपड़ों के स्टॉल देखने को मिले। वहीं हाल बाजार और मॉल रोड में स्वेटर व जैकेट की बिक्री काफी हुई। मौसम विभाग के अनुसार तापमान अगले दिनों में और गिरेगा। उत्तरी हवाओं के कारण ठंड तेज होगी। सुबह–शाम के समय धुंध की मात्रा बढ़ सकती है।

You may also like