Home बड़ी खबरेnews शैक्षणिक संस्थानों में कुत्तों के काटने की बढ़ती घटनाओं पर सुुप्रीम कोर्ट गंभीर

शैक्षणिक संस्थानों में कुत्तों के काटने की बढ़ती घटनाओं पर सुुप्रीम कोर्ट गंभीर

Supreme Court takes serious note of rising incidents of dog bites in educational institutions

देश के सुप्रीम कोर्ट ने विशेष रूप से शैक्षणिक संस्थानों में कुत्तों के काटने की बढ़ती घटनाओं पर गंभीर चिंता व्यक्त की है और सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को तत्काल निवारक और उपचारात्मक उपाय करने के लिए व्यापक निर्देश जारी किए हैं। जारी निर्देशों में छात्रावास सुविधाओं सहित या रहित स्कूलों, कालेजों, विश्वविद्यालयों और कोचिंग संस्थानों के परिसर में आवारा कुत्तों के प्रवेश पर रोक लगाने को कहा है। अधिकारियों को संस्थान परिसरों में आवारा कुत्तों के प्रवेश को रोककर छात्रों और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

 

इसी कड़ी में स्कूल शिक्षा निदेशालय ने एक बार फिर जिला शिक्षा उपनिदेशकों को उक्त दिशा-निर्देशों को अपने अधीन आने वाले सभी शैक्षिक संस्थानों में अक्षरश: लागू करने को कहा है। इसके तहत सभी स्कूल प्रमुख यह सुनिश्चित करेंगे कि स्कूल परिसर की चारदीवारी और प्रवेश बिंदुओं का भौतिक निरीक्षण किया जाए, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आवारा कुत्तों के प्रवेश को रोकने के लिए इन पर पर्याप्त बाड़ या गेट लगा हुआ है। स्कूल परिसर में आवारा कुत्तों की उपस्थिति की सूचना तुरंत संबंधित शहरी स्थानीय निकाय या ग्राम पंचायत को दी जाएगी, ताकि उन्हें हटाया जा सके और न्यायालय के निर्देशों के अनुसार निर्दिष्ट स्थान पर सुरक्षित स्थानांतरित किया जा सके।

 

प्रत्येक संस्थान को नियुक्त करना होगा नोडल अधिकारी

प्रत्येक संस्थान को इसके लिए एक नोडल अधिकारी को नियुक्त करना होगा, जो परिसर में स्वच्छता और सफाई का रखरखाव करेगा। यह सुनिश्चित करेगा कि आवारा कुत्ते परिसर में प्रवेश न करें। निवारक कार्रवाई के लिए स्थानीय नगरपालिका या संबंधित प्राधिकरणों के साथ संपर्क करेगा, नोडल अधिकारी का नाम, पदनाम और संपर्क नंबर स्कूल के मुख्य द्वार पर स्पष्ट रूप से प्रदर्शित किया जाएगा तथा संबंधित उपनिदेशक के माध्यम से संबंधित नगरपालिका एवं नगर निगम कार्यालय को भी सूचित किया जाएगा।

 

इसके साथ स्कूलों के प्रमुख, उपायुक्त और नगर निगम अधिकारियों द्वारा बुलाई गई बैठकों में भाग लेंगे, ताकि एक समन्वय तंत्र स्थापित किया जा सके। विद्यालयों का नियमित निरीक्षण कम से कम प्रत्येक 3 माह में एक बार करना होगा। स्कूल के भीतर या आसपास पाए जाने वाले आवारा कुत्तों को समय पर हटाना और उनका पुनर्वास करना होगा

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