इंस्टा क्वीन और काली थार वाली महिला कांस्टेबल से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है। काली थार वाली के नाम से चर्चित अमनदीप कौर को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट से शुक्रवार को बड़ी राहत मिली। माननीय जस्टिस अमन चौधरी ने भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत दर्ज केस में अमनदीप कौर को नियमित जमानत देने का आदेश जारी किया।
अमनदीप कौर पर पहले 17 ग्राम चिट्टा रखने का आरोप लगा था, जिसमें वह पहले ही जमानत पर बाहर आ चुकी थी। इसके बाद पुलिस ने उसे आय से अधिक संपत्ति रखने के आरोपों में दोबारा गिरफ्तार किया था। आरोपपत्र के अनुसार, अमनदीप कौर पर 44.34% तक आय से अधिक संपत्ति रखने के गंभीर आरोप हैं। हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान कौर की ओर से सीनियर एडवोकेट डॉ. अनमोल रतन सिद्धू और अधिवक्ता प्रथम सेठी उपस्थित हुए। उन्होंने दलील दी कि अमनदीप कौर करीब 5 महीने 19 दिन से हिरासत में है, चालान 14 नवंबर 2025 को पेश किया जा चुका है, आरोप तय होने बाकी हैं और कुल 46 गवाह हैं, जिससे ट्रायल लंबा चलने की संभावना है।
वहीं, राज्य की ओर से DAG मणिपाल सिंह अटवाल ने बेल का विरोध करते हुए कहा कि आरोपी के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने कहा कि आरोपी को लगातार जेल में रखना संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत उसकी स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन होगा। अदालत ने सुप्रीम कोर्ट के मौलाना मोहम्मद आमिर रशादी बनाम स्टेट ऑफ यूपी के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि केवल आपराधिक इतिहास के आधार पर जमानत नहीं रोकी जा सकती और केस की परिस्थितियों को देखते हुए जमानत उचित है।
कोर्ट ने जमानत देते हुए कड़ी शर्तें भी लगाई हैं-
अमनदीप कौर सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करेगी।
सरकारी गवाहों को न तो धमकाएगी और न प्रभावित करेगी।
हर सुनवाई पर कोर्ट में उपस्थित रहेगी।
ट्रायल कोर्ट की अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ेगी।
अपना पता व मोबाइल नंबर एफिडेविट के जरिए जमा कर बदलेगी नहीं।
किसी भी प्रकार अपनी स्वतंत्रता का दुरुपयोग नहीं करेगी।
कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि इन शर्तों का उल्लंघन होता है तो राज्य सरकार जमानत रद्द कराने के लिए स्वतंत्र होगी। इस आदेश के बाद अमनदीप कौर अब लगभग 6 महीने बाद जेल से बाहर आ सकेगी, जबकि भ्रष्टाचार और चिट्टा संबंधी दोनों मामलों का ट्रायल आगे चलता रहेगा।