Home बड़ी खबरेnews ऊना में 16 किसानों से खरीदी 80 क्विंटल प्राकृतिक खेती से तैयार मक्की

ऊना में 16 किसानों से खरीदी 80 क्विंटल प्राकृतिक खेती से तैयार मक्की

80 quintals of maize grown through natural farming were purchased from 16 farmers in Una.

प्रदेश सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने और किसानों की आर्थिकी को सशक्त बनाने के उद्देश्य से लगातार प्रयासरत है। इसी कड़ी में बुधवार को ऊना जिला के रामपुर और टकारला अनाज मंड़ियों में हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के माध्यम से प्राकृतिक खेती से उत्पादित मक्की की खरीद प्रक्रिया शुरू हो गई है। यह प्रक्रिया कृषि विभाग की आत्मा परियोजना के तहत नागरिक आपूर्ति निगम के सहयोग से शुरू की गई है।

 

मक्की खरीद प्रक्रिया के पहले दिन जिला ऊना के 16 किसानों से लगभग 80 क्विंटल मक्की की खरीद की गई। उपायुक्त ऊना जतिन लाल ने बताया कि मक्की विक्रय करने वाले किसानों को उनकी फसल की रसीदें प्रदान की गई हैं तथा भुगतान की राशि डीबीटी के माध्यम से सीधे उनके बैंक खातों में भेजी जाएगी।

 

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार प्राकृतिक खेती को बड़े पैमाने पर बढ़ावा दे रही है और किसानों को इसके लाभों के प्रति जागरूक कर रही है। उन्होंने कहा कि यह खेती विधि न केवल पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित है, बल्कि इससे मिट्टी की गुणवत्ता भी बनी रहती है। साथ ही इसमें खेती की लागत शून्य होने के चलते किसानों की आय में काफी मुनाफा होता है।

 

आत्मा परियोजना ऊना की निदेशक प्यारो देवी ने जानकारी दी कि प्रदेश सरकार ने प्राकृतिक खेती से उत्पादित मक्की के लिए 40 रूपये प्रति किलोग्राम का समर्थन मूल्य निर्धारित किया है, साथ ही 2 रूपये प्रति किलोग्राम का भाड़ा भी दिया जा रहा है। इच्छुक किसान मक्की को अच्छे से सुखाकर और साफ करके एक सप्ताह के भीतर सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक रामपुर और टकारला स्थित गोदामों में विक्रय कर सकते हैं।

 

ऊना के सासन गांव के प्रगतिशील किसान ओंकार ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना किसानों के लिए एक सकारात्मक पहल है। उन्हें उनकी उपज के उचित दाम मिल रहे हैं जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है। वहीं, बीनेवाल के प्रगतिशील किसान गुरदीप सिंह, बरनोह के दौलत राम और हरोली की पूनम ने बताया कि पहले रासायनिक खाद से तैयार मक्की केवल 23 रूपये प्रति किलोग्राम में विक्रय होती थी।

 

जबकि अब प्राकृतिक खेती से उत्पादित मक्की 40 रूपये प्रति किलोग्राम (भाड़ा सहित 42) में बेची जा रही है। इससे किसानों को अच्छा-खासा मुनाफा हो रहा है। इस अवसर पर परियोजना निदेशक प्यारो देवी, क्षेत्रीय प्रबंधक नागरिक आपूर्ति रीटा सहित अन्य उपस्थित रहे।

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