Home बड़ी खबरेnews मौसम में तेजी से बदलाव, पंजाबियों के लिए खतरे की घंटी, पढ़ें पूरी Advisory

मौसम में तेजी से बदलाव, पंजाबियों के लिए खतरे की घंटी, पढ़ें पूरी Advisory

Rapid change in weather, alarm bells for Punjabis, read the full advisory

प्रदूषण के कारण तापमान में लगातार हो रहे बदलाव को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने वायु प्रदूषण को लेकर विशेष एडवाइजरी जारी की है। विभाग ने सांस के मरीजों, बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को इस दौरान विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है।

 

जानकारी के अनुसार पंजाब सरकार के निर्देशानुसार, सिविल सर्जन अमृतसर डॉ. भारती धवन ने वायु प्रदूषण को लेकर एक एडवाइजरी जारी की है। सिविल सर्जन डा. भारती धवन ने बताया कि जैसे-जैसे मौसम ठंडा होता है, हवा की गुणवत्ता बिगड़ने लगती है। इसके अलावा पराली जलाने और पटाखों के धुएं के कारण वायु गुणवत्ता सूचकांक और भी बिगड़ रहा है। ऐसे में छोटे बच्चों, गर्भवती माताओं और बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर इसका सीधा असर पड़ता है। खांसी, जुकाम, अस्थमा और सांस के मरीजों के लिए यह बेहद नुकसानदेह साबित होता है, इसलिए स्वास्थ्य विभाग ने ऐसी गंभीर स्थिति से बचने के लिए एडवाइजरी जारी की है। उन्होंने कहा कि खुले वातावरण में किसी भी तरह की लकड़ी, पत्ते, फसल अवशेष और कूड़ा-कचरा जलाने से बचें क्योंकि इससे वायु प्रदूषण और बिगड़ सकता है। सिविल सर्जन ने कहा कि इन दिनों में पराली जलाने से बचना चाहिए क्योंकि इससे निकलने वाला हानिकारक धुआं सांस के मरीजों के लिए खतरनाक बीमारियों का कारण बन सकता है। इसके अलावा बच्चों और बुजुर्गों को भी इस मौसम में विशेष ध्यान रखना चाहिए।

 

ऑक्सीडैंट से भरपूर मौसमी फल व सब्जियां खाएं

स्वास्थ्य विभाग के जिला टी.बी. अधिकारी डाॅ. विजय गोतवाल ने बताया कि प्रदूषण के हानिकारक प्रभावों को कम करने के लिए एंटीऑक्सीडैंट से भरपूर मौसमी फल और सब्जियां खाएं और शरीर में पानी की कमी न हो, इसके लिए पर्याप्त पानी पीना चाहिए। लंबे समय से पलमोनरी या कार्डियोवैसकुलर समस्याओं से पीड़ित रोगियों, गर्भवती महिलाओं, छोटे बच्चों और बुजुर्गों को अधिक सावधान रहना चाहिए और प्रदूषित हवा के संपर्क में आने से बचना चाहिए।

 

पलमोनरी व कार्डियो वैकसूलर मरीज रखने विशेष ध्यान

सरकारी मैडीकल कॉलेज के सरकारी टी.बी. अस्पताल की प्रमुख डाॅ. गुनीत ने कहा कि पुरानी फेफड़ों और हृदय संबंधी बीमारियों से पीड़ित मरीजों को वायु प्रदूषण वाले दिनों में बाहर जाते समय अपनी निर्धारित दवाइयां आसानी से उपलब्ध रखनी चाहिए और लक्षण बिगड़ने पर तुरंत डाक्टर की सलाह लेनी चाहिए। खराब से गंभीर वायु प्रदूषण (ए.क्यू.आई. 200) वाले दिनों में, बाहरी प्रदूषण से बचने के लिए एन-95 या एन-99 मास्क पहनना चाहिए और हो सके तो प्रदूषण के प्रभाव को कम करने के लिए एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करना चाहिए। इमारतों और वाहनों में लगे एयर कंडीशनर ‘री-सर्कुलेटिंग’ मोड का इस्तेमाल कर सकते हैं ताकि खराब से गंभीर वायु प्रदूषण (ए.क्यू.आई. 200) वाले दिनों में बाहरी प्रदूषित हवा के संपर्क में आने से बचा जा सके।

 

वायु प्रदूषण का स्तर ख़राब से गंभीर प्लस ए.क्यू.आई. 200 हाने पर रखे विशेष ध्यान

सरकारी मैडीकल के डॉ. तुषार बंसल ने बताया कि जब वायु प्रदूषण का स्तर खराब से गंभीर प्लस (ए.क्यू.आई. 200) हो, तो वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से बचने के लिए खिड़कियां बंद करके वाहन चलाएं। वायु प्रदूषण कम करने के लिए जहां तक हो सके सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें। घर के अंदर वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से बचने के लिए बंद इमारतों में मच्छर भगाने वाली कॉइल और अगरबत्ती जलाने से बचें।

 

वायु प्रदूषण के खराब होने समय ज्यादा यातायात वाले रास्तो पर सफल करने से करें गुरेज

सरकारी टी.बी. अस्पताल के डॉ. दलजीत सिंह ने कहा कि वायु प्रदूषण के बिगड़ते दिनों और गंभीर वायु प्रदूषण के दिनों में अधिक यातायात पर लंबा समय बिताने से बचें।

ज्यादा यातयात वाले इलाकों के पास व्यायाम करने से बचें, जहां वायु प्रदूषण का खतरा ज्यादा होता है। दीपावली के दौरान वायु प्रदूषण से बचने के लिए घर के अंदर रहें।

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