की पूरी प्रक्रिया की समीक्षा कर रहे हैं। इस घटना के बाद गैर-दस्तावेजी प्रवासियों पर निगरानी और CDL लाइसेंस के नियमों को और कड़ा करने की संभावना बढ़ गई है।
ट्रक ड्राइवरों से बढ़ सकता है भेदभाव
हाल के सड़क हादसों और संघीय जांच रिपोर्टों के बाद अमेरिका में भारतीय मूल के ट्रक ड्राइवरों के लिए माहौल चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है। बड़ी संख्या में पंजाब प्रवासी ड्राइवर जो कानूनी रूप से काम कर रहे हैं, अब लाइसेंस रद्द होने या नौकरी खोने के खतरे का सामना कर रहे हैं। वहीं, विशेषज्ञों का कहना है कि इन घटनाओं के चलते पंजाब ट्रक ड्राइवरों के खिलाफ भेदभाव और निगरानी और बढ़ सकती है। कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि बिना दस्तावेज वाले प्रवासी ड्राइवरों को अक्सर गंभीर दुर्घटनाओं के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है। कई भारतीय ट्रक ड्राइवरों का कहना है कि उन्हें पहले से ही कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा बार-बार रोका जाता है, और अब यह कार्रवाई और कठोर हो सकती है।
अमेरिकी प्रशासन उठाने जा रहा बड़ा कदम
फ्लोरिडा ने कैलिफ़ोर्निया और वॉशिंगटन जैसे राज्यों पर यह आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है कि वहां अवैध प्रवासियों को वाणिज्यिक ड्राइविंग लाइसेंस (CDL) जारी किए गए। इस बीच, अमेरिकी परिवहन विभाग (DOT) ने ट्रक ड्राइवरों के लिए अंग्रेजी भाषा की योग्यता अनिवार्य रूप से लागू करनी शुरू कर दी है। इस नियम का पालन न करने पर कैलिफोर्निया को जुर्माना भी लगाया गया था।
इसके साथ ही, सरकार ने विदेशी ट्रक ड्राइवरों को नए वर्क वीजा जारी करने पर अस्थायी रोक लगा दी है। नए नियमों के अनुसार, अब ग़ैर-नागरिकों को CDL लाइसेंस तभी मिलेगा जब उनके पास वैध रोजगार-आधारित वीजा होगा और वे संघीय इमिग्रेशन जांच में पात्र पाए जाएंगे। परिवहन विभाग ने चेतावनी दी है कि जो राज्य इन नए मानकों का पालन नहीं करेंगे, उन्हें संघीय हाईवे फंडिंग से वंचित किया जा सकता है। इन कदमों से जहां सड़क सुरक्षा मजबूत करने की उम्मीद की जा रही है, वहीं भारतीय मूल के ट्रक ड्राइवरों में यह चिंता बढ़ गई है कि कहीं इन नीतियों का असर उनके वैध रोजगार और प्रतिष्ठा पर न पड़ जाए।