Home बड़ी खबरेnews हिमाचल के इन 2 जिलाें में मतदाता सूची तैयार करने में बरती लापरवाही, 9 अधिकारी-कर्मचारी निलंबित

हिमाचल के इन 2 जिलाें में मतदाता सूची तैयार करने में बरती लापरवाही, 9 अधिकारी-कर्मचारी निलंबित

Negligence in preparing voter lists in these two districts of Himachal, 9 officers and employees suspended

हिमाचल प्रदेश में मतदाता सूची को तैयार करने में लापरवाही बरतने का मामला सामने आया है। यह मामला मंडी और चम्बा जिले से जुड़ा है। इन 2 जिलों की कुछ ग्राम पंचायतों की मतदाता सूचियों का प्रारूप वर्ष 2025 की बजाय 2022 के आधार पर तैयार किया गया है। प्रदेश के राज्य निर्वाचन आयोग ने इस मामले का कड़ा संज्ञान लिया है और इस लापरवाही को आयोग के निर्देशों की भावना के विपरीत बताया है। इसके चलते और 7 पंचायत सचिवों, 1 पंचायत निरीक्षक व 1 उप पंचायत निरीक्षक को निलंबित किया है, साथ ही इस लापरवाही के मामले में 2 बीडीओ को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है। राज्य निर्वाचन आयोग ने संविधान के अनुच्छेद 243 (के) तथा हिमाचल प्रदेश पंचायत राज अधिनियम, 1994 की धारा 160 (ई) के तहत अधिकारों का प्रयोग करते हुए यह कार्रवाई की है।

 

निलंबित किए गए अधिकारी व कर्मचारी

मतदाता सूचियों में लापरवाही के मामले में 7 पंचायत सचिवों, 1 पंचायत निरीक्षक व 1 उप पंचायत निरीक्षक पर गाज गिरी है। इसमें बलविंदर सिंह उप पंचायत निरीक्षक विकास खंड भरमौर, नीना देवी पंचायत सचिव ग्राम पंचायत औरा विकास खंड भरमौर, गौरव कुमार पंचायत सचिव ग्राम पंचायत बजोल विकास खंड भरमौर, राकेश कुमार पंचायत सचिव ग्राम पंचायत होली विकास खंड भरमौर, आशीष कुमार पंचायत निरीक्षक विकास खंड निहरी, टेक चंद पंचायत सचिव ग्राम पंचायत झुंगी विकास खंड निहरी, ठाकुर दास पंचायत सचिव ग्राम पंचायत बेहली (ड्रमट) विकास खंड निहरी, इंद्र सिंह पंचायत सचिव ग्राम पंचायत बोई विकास खंड निहरी एवं पवन कुमार पंचायत सचिव ग्राम पंचायत शिंगल विकास खंड निहरी शामिल हैं। आयोग ने आदेश दिया है कि इन अधिकारियों का मुख्यालय अस्थायी रूप से उनके संबंधित जिला पंचायत अधिकारी के कार्यालय में निर्धारित करने को कहा गया है।

 

जांच अधिकारी किए नियुक्त

विकास खंड भरमौर के अधिकारियों की जांच के लिए आयोग ने अतिरिक्त जिला मैजिस्ट्रेट भरमौर और विकास खंड निहरी के अधिकारियों की जांच के लिए उप-मंडलीय अधिकारी सुंदरनगर जिला मंडी को नियुक्त किया है। आयोग ने इस संदर्भ में निर्देश दिया है कि जांच अधिकारी अपनी विस्तृत जांच रिपोर्ट जल्द आयोग को प्रस्तुत करें।

 

यह है मामला

पंचायत चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत सचिवों को वोटर लिस्ट के संभावित प्रारूप की कॉपी ग्राम सभा की बैठक में पेश करने को कहा था। निलंबित किए गए अधिकारी व कर्मचारियों ने ऐसा नहीं किया। यानी उनकी तरफ से मतदाता सूची का ड्राफ्ट ही नहीं बनाया गया और 2022 का ड्राफ्ट आयोग को पेश कर दिया। इसके चलते वोटर लिस्ट की वैरीफिकेशन का पर्दाफाश हुआ और आयोग ने बिना किसी देरी के शक्ति दिखाते हुए इन अधिकारियों को निलंबित कर दिया।

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