Home बड़ी खबरेnews शिमला के लोअर बाजार का नाम बदलने पर विवाद, मेयर ने PWD से मांगा जवाब

शिमला के लोअर बाजार का नाम बदलने पर विवाद, मेयर ने PWD से मांगा जवाब

Controversy over renaming of Shimla's Lower Bazaar; Mayor seeks response from PWD

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में एक विवादास्पद घटनाक्रम सामने आया है जहां शहर के प्रसिद्ध ‘लोअर बाजार’ का नाम बिना नगर निगम की अनुमति के ‘लोअर माल शिमला’ कर दिया गया है। सीटीओ और शेर-ए-पंजाब क्षेत्र में लगे नए साइन बोर्ड्स ने स्थानीय प्रशासन और व्यापारियों के बीच तीखी बहस छेड़ दी है। नगर निगम के मेयर सुरेंद्र चौहान ने इस एकतरफा कार्रवाई पर कड़ी आपत्ति जताते हुए लोक निर्माण विभाग से 48 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है। मेयर ने कहा कि लोअर बाजार शिमला का सबसे प्रसिद्ध बाजार है। यदि नाम बदलना था तो इसको लेकर नगर निगम के साथ पत्राचार और उचित प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए थी। शहर में कोई भी साइन बोर्ड नगर निगम आयुक्त के आदेशों के अनुसार ही लगते हैं। हालांकि लोक निर्माण विभाग सब डिवीजन नंबर-7 के सहायक अभियंता प्रदीप कुमार बाली ने इस आरोप से इन्कार करते हुए कहा कि लोक निर्माण विभाग की तरफ से लोअर माल शिमला के साइन बोर्ड नहीं लगाए गए हैं।

 

उधर, इस नाम परिवर्तन को लेकर व्यापारी समुदाय में मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। माल रोड बिजनेसमैन एसोसिएशन ने इस बदलाव पर कड़ी आपत्ति जताई है। एसोसिएशन के कार्यकारी सदस्य कवि खन्ना ने कहा कि ऐसे कैसे लोअर बाजार का नाम लोअर माल किया जा सकता है? ऐसे तो शहर की किसी भी मार्कीट के आगे माल लगाया जा सकता है। इससे कारोबार पर प्रभाव पड़ेगा। एसोसिएशन ने विधायक हरीश जनार्था, नगर निगम आयुक्त और मेयर-डिप्टी मेयर को ज्ञापन सौंपा है।

 

वहीं दूसरी ओर शिमला व्यापार मंडल के अध्यक्ष हरजीत सिंह मंगा ने इस बदलाव का स्वागत किया है। उन्होंने बताया कि कारोबारियों ने ही माल नाम करने को लेकर अपने सुझाव दिए थे। इससे लोअर बाजार में पर्यटकों की आमद बढ़ाई जा सकेगी। संजीव ठाकुर ने कहा कि आजकल बड़े शहरों में माल शब्द अधिक प्रचलन में है। माल शब्द से लोग अधिक आकर्षित होते हैं। इससे कारोबारियों को फायदा होगा। वहीं पूर्व प्रधान इंद्रजीत सिंह ने भी समर्थन देते हुए कहा कि लोअर माल नाम से शहर में आने वाले पर्यटकों को मालरोड से नीचे वाली मार्कीट में उतरने का मौका मिलेगा।

 

यह मामला अब प्रशासनिक गतिरोध का रूप ले चुका है जहां नगर निगम का दावा है कि उसे इस नाम परिवर्तन की कोई सूचना नहीं थी, वहीं लोक निर्माण विभाग इससे अपना पल्ला झाड़ रहा है। मेयर ने स्पष्ट किया है कि विभाग को इस संबंध में पहले नगर निगम से अनुमति लेनी चाहिए थी। बता दें कि लोअर बाजार शिमला के सबसे व्यस्त वाणिज्यिक केंद्रों में से एक है जहां बड़ी संख्या में दुकानें हैं और यहां से स्थानीय लोग तथा पर्यटक खरीदारी करते हैं। इस ऐतिहासिक बाजार के नाम में अचानक हुए बदलाव ने न केवल प्रशासनिक विवाद खड़ा किया है बल्कि व्यापारी समुदाय को भी दो खेमों में बांट दिया है। अगले कुछ दिनों में इस मामले में और स्पष्टता आने की उम्मीद है जब लोक निर्माण विभाग मेयर के सवालों का जवाब देगा।

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