करीब ढाई लाख रुपये महीना वेतन पाने वाले पंजाब पुलिस के रोपड़ रेंज के डीआईजी हरचरण सिंह भुल्लर के घर और ठिकानों से सीबीआई को ऐसे ही 7.50 करोड़ रुपये कैश बरामद नहीं हुआ है। इसके पीछे के राज भी सामने आने लगे हैं। बिचौलिए कृष्णु ने सीबीआई पूछताछ में यह बात कबूल की है कि वह डीआईजी के कहने पर मोहाली, चंडीगढ़, पंचकूला, डेराबस्सी, जीरकपुर, पटियाला और अन्य बहुत सी जगहों पर बड़े लोगों से रकम पकड़ने जाता था।
बिचौलिए ने पूछताछ में बताया कि पिछले कुछ समय से वह हर महीने डीआईजी साहब के कहने पर अलग-अलग लोगों के पास जाकर 5 से 7 लाख रुपये लेकर आता था। कई बार यह रकम डेढ़ से दो महीने के अंदर लाने के लिए कही जाती थी। लेकिन स्क्रैप डीलर अकाश बत्ता से इस बार 8 लाख रुपये रिश्वत लेना दोनों को महंगा पड़ गया।
बिचौलिये कृष्णू ने कहा कि वे चंडीगढ़ के कई फाइव स्टार होटलों में भी डीआईजी के कहने पर लोगों के पास जाता था, वहां लोग उसे पैकेट और छोटे बैग तक थमाते थे। पूछताछ में यह बात भी सामने आई है कि अकेला कृष्णु ही नहीं डीआईजी भुल्लर के दो और भरोसेमंद बिचौलिए भी हैं,
करीब ढाई लाख रुपये महीना वेतन पाने वाले पंजाब पुलिस के रोपड़ रेंज के डीआईजी हरचरण सिंह भुल्लर के घर और ठिकानों से सीबीआई को ऐसे ही 7.50 करोड़ रुपये कैश बरामद नहीं हुआ है। इसके पीछे के राज भी सामने आने लगे हैं। बिचौलिए कृष्णु ने सीबीआई पूछताछ में यह बात कबूल की है कि वह डीआईजी के कहने पर मोहाली, चंडीगढ़, पंचकूला, डेराबस्सी, जीरकपुर, पटियाला और अन्य बहुत सी जगहों पर बड़े लोगों से रकम पकड़ने जाता था।
बिचौलिए ने पूछताछ में बताया कि पिछले कुछ समय से वह हर महीने डीआईजी साहब के कहने पर अलग-अलग लोगों के पास जाकर 5 से 7 लाख रुपये लेकर आता था। कई बार यह रकम डेढ़ से दो महीने के अंदर लाने के लिए कही जाती थी।
बिचौलिये कृष्णू ने कहा कि वे चंडीगढ़ के कई फाइव स्टार होटलों में भी डीआईजी के कहने पर लोगों के पास जाता था, वहां लोग उसे पैकेट और छोटे बैग तक थमाते थे। पूछताछ में यह बात भी सामने आई है कि अकेला कृष्णु ही नहीं डीआईजी भुल्लर के दो और भरोसेमंद बिचौलिए भी हैं, जो उनके लिए पैसे पकड़ने, खुफिया दस्तावेजों को लोगों तक पहुंचाने और उनके छोटे-बड़े काम करते थे।
21 लाख में से सिर्फ 70 हजार बिचौलिए के
सीबीआई के अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बिचौलिये कृष्णु को जब जांच एजेंसी ने चंडीगढ़ के सेक्टर-21 से पैसे लेते समय दबोचा और उसके बाद डीआईजी को उनके ऑफिस से गिरफ्तार किया गया। इसके बाद सीबीआई की एक टीम बिचौलिए कृष्णु को लेकर उसके घर गई थी, जहां टीम को 21 लाख रुपये बरामद हुए थे। सीबीआई अधिकारी ने बताया कि बिचौलिए कृष्णु ने पूछताछ में यह स्टेटमेंट दी है कि इसमें से केवल 70 हजार रुपये उसके हैं, जबकि बाकी सारे पैसे वह डीआईजी के कहने पर अलग-अलग लोगों से पकड़कर लेकर आया था। कृष्णु ने कहा कि वह उन लोगों को नहीं पहचानता क्योंकि वह उनसे केवल एक या दो बार मिला है।
स्क्रैप कारोबारियों की ओर घूमी सीबीआई की जांच
मंडी गोबिंदगढ़ के स्क्रैप डीलर अकाश बत्ता के अलावा अब सीबीआई एंटी करप्शन ब्यूरो की एक टीम ने इस ओर भी जांच शुरू कर दी है। मंडी गोबिंदगढ़ के अलावा लुधियाना, पटियाला व पंजाब व चंडीगढ़ के अन्य हिस्सों में स्क्रैप का काम करने वाले बड़े कारोबारियों से सीबीआई रिश्वत के इस खेल की जड़ पकड़ने में जुट गई है। अधिकारियों की मानें तो पंजाब में कई स्क्रैप कारोबारी बड़े स्तर पर गैर कानूनी काम कर रहे हैं, ऐसे में इन स्क्रैप डीलरों को संरक्षण देने की आड़ में कही ये रिश्वतखोरी का नेटवर्क चल रहा हो, इस एंगल पर भी सीबीआई जांच कर रही है।