पंजाब स्टेट पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) के लुधियाना उप मंडल शहरी अड्डा दाखा के एसडीओ जसकिरनप्रीत सिंह और जेई परमिंदर सिंह को हथियारों के दम पर किडनैप करने के मामले में पुलिस के हाथ बड़ी कामयाबी लगी है। एसडीओ और जेई को अगवा करने वाले फर्जी एसटीएफ और विजिलेंस अधिकारी बनकर आए चार में से दो आरोपियों को दाखा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। दो की तलाश में पुलिस की कई टीमें दबिश दे रही हैं। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान गुरविंदर सिंह उर्फ गुरिंदर सिंह गांव झिल्ल और ब्रह्मप्रीत सिंह निवासी सफाबादी गेट पटियाला के तौर पर हुई है।
गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि उन्होंने विनय अरोड़ा और अमनदीप सिंह के साथ मिलकर फिरौती वसूली थी। दाखा पुलिस ने पहले से दर्ज मुकदमे में चारों को नामजद कर लिया है। दाखा पुलिस को वो टोयोटा कोरोला कार नहीं मिली है, जिसे वारदात के समय इस्तेमाल किया गया था। पुलिस ने इनसे दो इनोवा कार जब्त की हैं।
जानकारी के अनुसार गिरफ्तार आरोपियों ने पुलिस को बताया कि फिरौती के 7 लाख 20 हजार रुपये फरार आरोपी विनय अरोड़ा और अमनदीप सिंह के पास हैं। हालांकि ये कहानी पुलिस को हजम नहीं हो रही है। बाद दोपहर दोनों आरोपियों को अदालत में पेश किया जाएगा और रिमांड लेकर पुलिस सख्ती से पूछताछ करेगी।
गुरिंदर और ब्रह्मप्रीत से प्रांरभिक पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं, जिसने पुलिस के भी होश उड़ा दिए हैं। आरोपियों का गैंग पिछले अरसे से सरकारी अधिकारियों को अपना निशाना बनाते आ रहा था लेकिन किसी ने भी डर के मारे पुलिस में रिपोर्ट दर्ज नहीं की। दाखा बिजली बोर्ड दफ्तर से एसडीओ और जेई को अगवा करके फिरौती लेने से पहले ये गिरोह जगरांव की तरफ से भी किसी अधिकारी से फिरौती वसूल करके आया था। यहीं बस नहीं गिरोह पुलिस नाकों पर मुलाजिमों के कथित रिश्वत लेने के वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल करके रूपये ऐंठने का काम भी करते आ रहा था। चारों आरोपी शादीशुदा और दो दो तीन तीन बच्चों के पिता हैं।
फर्जी पत्रकार भी गुरिंदर और ब्रह्मप्रीत
दाखा पुलिस द्वारा गिरफ्तार गुरिंदर और ब्रह्मप्रीत फर्जी पत्रकार भी हैं और मीडिया में बदनाम करने की धमकियां देकर भी लोगों को लूटते थे। दाखा पुलिस अब आरोपियों के अपराध की लंबी लिस्ट बनाने में जुट गई है।
चंडीगढ़ नंबर की कार से हुए थे फरार
गौरतलब है कि अमर उजाला ने एक दिन पहले इस गिरोह का सबसे पहले पर्दाफाश किया था। एसटीएफ और विजिलेंस के अधिकारी बनकर आए चारों आरोपियों ने हथियारों के बल पर पीएसपीसीएल के एसडीओ जसकिरनप्रीत सिंह और जेई परमिंदर सिंह को दाखा स्थित सरकारी दफ्तर से ही अगवा कर लिया था और लुधियाना के ग्लोबल हार्ट अस्पताल और पाम कोर्ट होटल के सामने 7 लाख रुपये की फिरौती लेकर चंडीगढ़ नंबर टोयोटा कोरोला कार में फरार हो गए थे। फरार होने से पहले एसडीओ और जेई के आधार कार्ड सहित अन्य दस्तावेजों की फोटो खींचते हुए उनके परिवारों को नुकसान पहुंचाने की धमकियां भी दी।
आरोपियों ने दोनों अधिकारियों को दी थी गोली मारने की धमकी
हैरानी की बात है कि खुद को एसटीएफ और विजिलेंस अधिकारी बताने वाले लोगों ने एक नहीं बल्कि तीन बार विभाग के दाखा दफ्तर में रेकी की और बेखौफ घटना को अंजाम दिया। एसडीओ जसकिरनप्रीत सिंह और जेई परमिंदर सिंह इतनी दहशत में थे कि आरोपियों के एसटीएफ और विजिलेंस के फर्जी अधिकारी होने के कई अहम संकेत मिलने के बावजूद खेल समझ नहीं सके और 7 लाख 20 हजार रुपये लुटाकर डर के मारे चुप रहे। एसडीओ जसकिरनप्रीत आरोपियों ने धमकी दी थी कि उन सभी के पास हथियार हैं अगर चालाकी की तो दोनों को गोली मार देंगे। दोस्तों रिश्तेदारों के समझाने और हौसला देने पर जिला लुधियाना ग्रामीण पुलिस प्रमुख एसएसपी डॉ. अंकुर गुप्ता से मिलकर सारी घटना की जानकारी दी थी।
आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज
थाना दाखा में आरोपियों के खिलाफ असला एक्ट, अगवा करने, फिरौती लेने परिवार समेत जान से मारने की धमकी देने और फर्जी एसटीएफ विजिलेंस अधिकारी बनने समेत विभिन्न संगीन आपराधिक धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। एसएसपी डॉ अंकुर गुप्ता ने सीआईए स्टाफ, साइबर सेल, डीएसपी दाखा और थाना दाखा की संयुक्त एसआईटी बनाकर आरोपियों की तलाश शुरू की। एसडीओ जसकिरनप्रीत के अनुसार जब वो पहुंचे तो आरोपी दफ्तर में बैठे थे लेकिन एक्सईएन रवि चोपड़ा शक हो जाने के कारण खुद वहां से निकल चुके थे।