एसटीएफ और विजिलेंस के अधिकारी बनकर आए चार बदमाशों ने हथियारों के बल पर पीएसपीसीएल के दो अधिकारियों एसडीओ जसकिरनप्रीत सिंह और जेई परमिंदर सिंह को उनके सरकारी दफ्तर से अगवा कर लिया। इसके बाद आरोपियों ने सात लाख की फिरौती लेकर दोनों को छोड़ दिया और चंडीगढ़ नंबर की टोयोटा कोरोलो में फरार हो गए।
आरोपियों ने दोनों अधिकारियों के दस्तावेजों के फोटो खींचे और परिवारों को नुकसान पहुंचाने की धमकी भी दी है। एसडीओ जसकिरनप्रीत ने कहा-आरोपियों ने धमकी दी कि उन सभी के पास हथियार हैं अगर चालाकी की तो दोनों को गोली मार देंगे। दोस्तों-रिश्तेदारों के समझाने और हौसला देने पर जिला लुधियाना ग्रामीण पुलिस प्रमुख एसएसपी डॉ. अंकुर गुप्ता से मिलकर सारी घटना की जानकारी दी।
थाना दाखा में आरोपियों के खिलाफ असला एक्ट, अगवा करने, फिरौती लेने परिवार समेत जान से मारने की धमकी देने और फर्जी एसटीएफ विजिलेंस अधिकारी बनने समेत विभिन्न संगीन आपराधिक धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। एसएसपी डॉ अंकुर गुप्ता ने सीआईए स्टाफ, साइबर सेल, डीएसपी दाखा और थाना दाखा की संयुक्त एसआईटी बनाकर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। एसडीओ जसकिरनप्रीत के अनुसार उन्होंने पुलिस को आरोपियों के मोबाइल और कार का नंबर दे दिया है। एक पगड़ीधारी आरोपी की चुपके से फोटो भी खींच ली थी जिसे पुलिस को दे दिया है।
शक तो हुआ पर उनके पास हथियार थे: एसडीओ
एसडीओ जसकिरनप्रीत सिंह ने अमर उजाला की सहयोगी एजेंसी संवाद को बताया कि पंजाब में पीएसपीसीएल अधिकारियों के चल रहे व्हाट्सएप ग्रुप्स में ये जानकारी संगरूर की तरफ से सांझा की गई थी कि कोई गैंग एसटीएफ और विजिलेंस अधिकारी बनकर घूम रहा है। ये गैंग अधिकारियों को निशाना बना रहा है। उन्होंने बताया कि घटना के क्षणों में कई बार उन्हें शक भी हुआ लेकिन आरोपियों के पास हथियार होने के कारण वो कुछ नहीं कर सके।