Home बड़ी खबरेnews नकली दवाइयां सप्लाई करने के धंधे का भंडाफोड़, आरोपी कानपुर से कर रहा था ऑपरेट; पुलिस रिमांड पर भेजा

नकली दवाइयां सप्लाई करने के धंधे का भंडाफोड़, आरोपी कानपुर से कर रहा था ऑपरेट; पुलिस रिमांड पर भेजा

Counterfeit drug supply racket busted; accused operating from Kanpur; sent on police remand

by punjab himachal darpan

पंजाब समेत देश के कई राज्यों के शहरों में नकली दवाइयां सप्लाई करने का गोरखधंधा उत्तरप्रदेश के कानपुर से चल रहा है। कानपुर के बिरहाना रोड स्थित श्रीलक्ष्मी फार्मा के मालिक राहुल अग्रवाल की बेटी वर्तिका अग्रवाल इस पूरे धंधे को ऑपरेट करती थी। कानपुर से गिरफ्तार कर लुधियाना लाई गई वर्तिका अग्रवाल को अदालत में पेश किया गया। जहां से उसे तीन दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है।

 

 

 

पूछताछ में सामने आया कि वह अपने दोस्त मोहम्मद हसन के जरिये कई जगहों पर नकली दवाइयां सप्लाई करती थी। नकली दवाइयां बनाने की फैक्टरी कहीं और नहीं बल्कि उनके मेडिकल स्टोर के पीछे बनी तीन मंजिला बिल्डिंग में ही लगाई गई थी। दवाइयां पैक करने के बाद यहीं स्टीकर आदि लगाए जाते थे। स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की टीम ने इस पूरे धंधे का पर्दाफाश कर वर्तिका को गिरफ्तार किया था।जांच अधिकारी नरेश कुमार ने बताया कि अगस्त में एसटीएफ की टीम ने नकली दवाइयां सप्लाई करने के मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया था। जब इस मामले की तह तक जाने की कोशिश की गई तो पुलिस हैरान रह गई। इस पूरे धंधे के तार देश के कई शहरों से जुड़े थे। उन्होंने कहा कि पुलिस टीम को मिले सुराग में गुजरात के अहमदाबाद का भी पता चला। जहां पुलिस टीम छापे मारने गई और वहां कई मेडिकल स्टोर पर रेड की। जांच के दौरान कानपुर कनेक्शन सामने आया।

ट्रेन व बस के जरिये की जाती थी सप्लाई

नरेश कुमार ने बताया कि नकली दवाइयों की सप्लाई पंजाब ही नहीं बल्कि हरियाणा, गुजरात, मध्यप्रदेश, बिहार और उत्तरप्रदेश के कई शहरों में सप्लाई जाती थी। लोकल स्तर पर तो आरोपी बस के जरिये सप्लाई भेज देते थे और दूसरे राज्यों में दूर कहीं सप्लाई जानी होती थी तो आरोपी ट्रेन के जरिये सप्लाई भेजते थे। इसके बाद उक्त दवाइयां शहर के बड़े-बड़े अस्पतालों के बाहर स्थित मेडिकल स्टोर पर सप्लाई होती थीं।

 

नकली दवाइयों को ब्रांडेड बताकर बेचा जा रहा था और मोटा मुनाफा कमाया जा रहा था। एसआई नरेश कुमार ने बताया कि आरोपी मोहम्मद हसन ने हर शहर में लोकल स्तर पर अपने सोर्स बना रखे थे। लोकल दुकानों पर काम करने वाले लड़के उसके संपर्क में थे जो शहर में दवाइयां सप्लाई करने का काम करते थे। इसके बदले उन्हें पैसे मिलते थे। पुलिस को कुछ दुकानदारों का पता चला है जिन्हें संदिग्ध मान कर पूछताछ के लिए बुलाया गया था।

 

वर्तिका के फोन से मिली लेन-देन की रिकाॅर्डिंग

जांच अधिकारी नरेश कुमार ने बताया कि पुलिस ने वर्तिका के फोन को कब्जे में लिया है। फोन से पुलिस को कई सुराग मिले हैं जिससे यह पता चलता है कि वर्तिका काफी समय से नकली दवाइयां सप्लाई करने के इस धंधे को चला रही थी। वर्तिका का दोस्त मोहम्मद हसन है जो कई राज्यों में दवाइयां सप्लाई करता था। वह ऑर्डर लेकर आता था और आगे सप्लाई करता था।

 

वर्तिका के फोन से पुलिस को मोहम्मद हसन से हुई चैट, वॉयस कॉल की रिकार्डिंग, पेमेंट के लेन देन के बारे में कई सबूत मिले है। इससे जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है। वर्तिका के बैंक अकाउंट की जांच कर पैसे के लेन-देन की एंट्री मिलाई जाएगी। नरेश कुमार के अनुसार जांच अभी काफी लंबी चली है और आगे भी चलेगी। कई और बड़े खुलासे होने की संभावना है।

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