Home बड़ी खबरेnews शहर में Traffic Police के नाम पर हो रही रोज 50 हजार से ऊपर की क्लेक्शन, पढ़ें, दिलचस्प मामला

शहर में Traffic Police के नाम पर हो रही रोज 50 हजार से ऊपर की क्लेक्शन, पढ़ें, दिलचस्प मामला

More than Rs 50,000 is being collected daily in the name of Traffic Police in the city, read this interesting case.

by punjab himachal darpan

शहर में ट्रैफिक नियम तोड़ने पर वाहनों को टो करना आम बात है, लेकिन हाल ही में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। आरोप है कि ट्रैफिक पुलिस और प्राइवेट ठेके पर बैठे कर्मचारियों के सहयोग से रोजाना 50 हजार रुपए से अधिक की कमाई हो रही है, लेकिन जनता को वास्तविक रसीद नहीं दी जा रही। अब सवाल उठ रहा है कि यह पैसा आखिर कहां जा रहा है।

 

टोइंग का खेल और रसीदों का गबन

शहर के प्रमुख चौक-चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस की गाड़ियां नो पार्किंग में खड़े वाहनों को टो करके पुलिस थाने ले जाती हैं। टो का दायरा सिर्फ बी.एम.सी. चौक, गुरु नानक मिशन चौक, कचहरी चौक, लाडोवाली लोड और बस स्टैंड तक सीमित है।नो पार्किंग से गाडिय़ों को टो करने का जुर्माना 1150 रुपए निर्धारित है। लेकिन पुलिस थाने के काउंटर से सिर्फ 500 रुपए की रसीद दी जा रही है। इस मामले की शिकायत कैंट निवासी दीपक कौल ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को की, जिन्होंने ई-मेल के माध्यम से डी.सी. जालंधर को जांच के आदेश दिए हैं।

 

शहरवासियों के अनुभव

दीपक कौल ने बताया कि वह सिविल लाइन के प्लाजा चौक के पास अपनी गाड़ी पार्क कर चुके थे। जब वे लौटे, तो उनकी गाड़ी टो कर ली गई थी। जुर्माना 1150 रुपए मांगा गया, लेकिन रसीद केवल 500 रुपए की दी गई। जब उन्होंने सवाल किया, तो रसीद पर बाकी की राशि को टोइंग वैन का शुल्क लिख दिया गया। इसी तरह कई अन्य लोगों ने भी कोर्ट में बताया कि उन्हें भी दो अलग रसीदें दी गई, जिससे आरोप और गंभीर हो गए हैं।

 

क्या हो रही है रोजाना कमाई

शहर में रोजाना लगभग 50 गाडिय़ां टो की जा रही हैं। विशेषज्ञों का अनुमान है कि इससे एक दिन में 57 हजार रुपए और महीने में करीब 17 लाख रुपए की कमाई हो रही है। नगरवासियों का कहना है कि यह मामला निष्पक्ष जांच का हकदार है, ताकि ट्रैफिक नियमों के नाम पर हो रही लूट का पर्दाफाश हो सके।

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