हिमाचल के सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में 30 हजार रुपये में रोबोटिक सर्जरी होगी। सरकार ने सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल चमियाना और मेडिकल कॉलेज टांडा में सर्जरी शुरू कर दी है। नाहन, चंबा, नेरचौक और हमीरपुर मेडिकल कॉलेज में भी इस सर्जरी को शुरू किया जाना है। पीजीआई, एम्स व अन्य बाहरी राज्यों के स्वास्थ्य संस्थानों में रोबोटिक सर्जरी में दो लाख रुपये खर्च आता है।
हिमकेयर कार्ड धारकों के लिए सरकार ने यह सेवा निशुल्क रखी है। बाहरी राज्यों के स्वास्थ्य संस्थानों की अपेक्षा हिमाचल में यह शुल्क सात गुना सस्ता है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि लोगों को दवाइयों और इलाज पर पैसा ज्यादा खर्च न हो, इसके चलते रोबोटिक सर्जरी का शुल्क कम रखा गया है। रोबोटिक सर्जरी कराने के बाद जो व्यक्ति स्पेशल वार्ड लेता है उन्हें यह शुल्क 60 हजार रुपये होगा। हिमाचल प्रदेश में पहली बार रोबोटिक सर्जरी शुरू हुई है। अभी चमियाना और टांडा में इसे शुरू किया गया है। अन्य मेडिकल कॉलेजों में सर्जरी को शुरू करने की प्रक्रिया जारी है।
सरकार की ओर से टेंडर करने की औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। 20 वर्षों से पुरानी मशीनों को बदलकर नई मशीनें और उपकरण स्थापित किए जा रहे हैं। ओपन सर्जरी कराने में भी 30 हजार रुपये तक का खर्चा आता है। ओपन सर्जरी कराने में शरीर पर ज्यादा कट लगते हैं, जबकि रोबोटिक में कम। सुपर स्पेशलिटी अस्पताल चमियाना में 40 से ज्यादा रोबोटिक सर्जरी की जा चुकी है।
कैजुअल्टी में भी स्पेशलिस्ट बैठेंगे
मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए हैं कि कैजुअल्टी में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की तैनाती होनी चाहिए। सर्जरी, आर्थो, मेडिसन जैसे महत्वपूर्ण विभाग के पीजी डॉक्टरों के साथ स्पेशलिस्ट डॉक्टर की तैनाती होना अनिवार्य होगा। अस्पतालों में मरीजों को परेशानी न हो, इसके लिए अस्पताल प्रशासन को सख्त आदेश जारी किए गए हैं।