पंजाब की सड़कों पर वाहन चलाना सुरक्षित नहीं है। वर्ष 2023 के दौरान सड़क हादसों में 78.2 प्रतिशत लोगों की जान गई है। अमृतसर व लुधियाना में भी स्थिति अधिक गंभीर है। साथ ही वर्ष 2022 के मुकाबले भी सड़क हादसों में बढ़ोतरी हो गई है।
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2023 के दौरान कुल 6276 सड़क हादसे हुए। इसमें 4906 लोगों की मौत हो गई, जो काफी अधिक है। साथ ही 3305 लोग घायल भी हुए। अगर कुल ट्रैफिक हादसों की बात करें तो 7263 हादसे हुए। इसमें 5823 लोगों की मौत हो गई जबकि 3383 लोग घायल हो गए। इसमें 987 रेलवे हादसे हुए जिसमें 917 लोगों को जान गंवानी पड़ी और 78 लोग घायल हो गए।
वर्ष 2022 के मुकाबले भी सड़क हादसों में बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2022 में 6122 सड़क हादसे हुए थे जिसमें 4688 लोगों की मौत व 3372 लोग घायल हो गए थे। वर्ष 2023 में सड़क हादसों से मृत्यु दर में 4.65 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। लुधियाना में वर्ष 2023 के दौरान 504 सड़क हादसे हुए और इनमें 402 लोगों की मौत हुई। 209 लोग घायल हो गए। इसी तरह अगर अमृतसर की बात करें तो वहां 147 हादसों में 110 लोगों की जान चली गई और 73 लोग घायल हो गए।
तेज रफ्तार ले रही लोगों की जान
प्रदेश में तेज रफ्तार लोगों की जान ले रही है। पिछले कुछ समय से रफ्तार के कारण सड़क हादसे बढ़ते जा रहे हैं। प्रदेश के लोग लग्जरी गाड़ियों के शौकीन हैं। वर्ष 2025 में ही अब तक 5,14,965 वाहन पंजीकृत हो चुके हैं। हर साल पंजीकृत वाहनों की संख्या बढ़ रही है। मोटरसाइकिल के बाद प्रदेश में एसयूवी, कार व जीप से सड़क हादसों में अधिक लोगों की जान जा रही है। इसमें वर्ष 2023 के दौरान हादसों से 956 लोगों की मौत हो गई वहीं 888 लोग घायल हो गए। इसी तरह मोटरसाइकिल से हादसों में 2233 लोगों की मौत और 1593 लोग घायल हो गए। इसके अलावा ट्रैक्टर से हादसों में 99 लोगों की जान चली गई और 48 लोग घायल हो गए।
शाम 6 से रात 9 बजे के बीच सबसे अधिक हादसे
रिपोर्ट के अनुसार शाम 6 से रात 9 बजे के बीच प्रदेश में सबसे अधिक सड़क हादसे हो रहे हैं। वर्ष 2023 में इन तीन घंटे के दौरान 1461 सड़क हादसे हुए हैं। इसके बाद दोपहर बाद 3 से शाम 6 बजे तक दूसरे नंबर पर सबसे अधिक हादसे हो रहे हैं। इनकी संख्या 921 है।
सूबा सरकार ने बनाई है सड़क सुरक्षा फोर्स
सड़क हादसों में समय पर अस्पताल पहुंचाने और इलाज प्रदान करने के लिए सूबा सरकार ने सड़क सुरक्षा फोर्स बनाई है। 2024 में शुरू हुई इस फोर्स की टीमें राज्य भर में हर 30 किमी पर तैनात हैं। हाईटेक उपकरणों और महिला कर्मियों से लैस यह फोर्स दुर्घटनाओं की सूचना पर 5 से 7 मिनट में पहुंचती है और घायलों को तुरंत सहायता देती है। इस फोर्स ने अब तक 35,000 से ज्यादा लोगों की जान बचाई है।