ग्रामीण विकास विभाग में महिला अधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर के जरिये 68 लाख रुपये का सेंक्शन ऑर्डर (सरकारी दस्तावेज) तैयार करने का मामला सामने आया है। हैरानी इस बात की है कि जिस महिला अधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर करके इस गड़बड़झाले को अंजाम दिया गया है, वह विभाग से पहले ही स्थानांतरित हो चुकी हैं। इसका खुलासा उस समय हुआ, जब विभाग के निदेशक ने संबंधित अधिकारी को फोन के जरिये इसकी जानकारी दी गई। महिला अधिकारी ने सूचना मिलते ही इस संबंध में थाना केलांग में जाकर जीरो एफआईआर दर्ज करवाई है।
मामला छोटा शिमला पुलिस स्टेशन के अधीन होने के कारण इसे ट्रांसफर कर दिया गया है। छोटा पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू कर दी है। पुलिस को दी शिकायत में लाहौल स्पीति के केलांग में एडीसी टू डीसी एवं एसडीएम लाहौल के पद पर कार्यरत कल्याणी गुप्ता ने बताया कि उन्होंने 7 जुलाई 2025 को यहां ज्वाइन किया है। वह इससे पूर्व वह जून 2022 से 5 जुलाई 2025 तक ग्रामीण विकास निदेशालय शिमला में बतौर डिप्टी सीईओ (एचपीएसआरएलएम) के पद पर तैनात थीं। 27 सितंबर को उन्हें जानकारी मिली कि एक सेंक्शन ऑर्डर पर उनके हस्ताक्षर पाए गए हैं, जिसकी तिथि सितंबर 2025 की है। यह दस्तावेज उनके पूर्व कार्यालय में पाया गया है, जबकि वह इस समय अवधि में केलांग में सेवारत हैं।
उन्हें इसकी जानकारी निदेशक ग्रामीण विकास विभाग के निदेशक राघव शर्मा से मिली। उन्होंने आरोप लगाया कि यह दस्तावेज फर्जी तरीके से तैयार किए गए हैं। इसमें एक कंपनी के नाम 68,31,200 रुपये का सेंक्शन ऑर्डर रिसीव करवाया गया है। उन्होंने आशंका जताई कि उनके फर्जी हस्ताक्षर करके कंपनी/व्यक्ति को गलत तरीके से फायदा पहुंचाने की कोशिश की गई है। इससे सरकारी धन का दुरुपयोग हो सकता है। पुलिस ने इस मामले में भारतीय न्याय संहिता की धारा 318 (4), 335, 336(1), 336(2), 336(3), 336(4), 340(1), और 340 (2) के अंतर्गत केस दर्जकर मामले की छानबीन शुरू कर दी है।