शहर में भले ही सफाई कर्मचारियों को सुबह 10:00 बजे से पहले कूड़ा उठाने के निर्देश हैं, लेकिन इसके बावजूद दोपहर तक कचरा नहीं उठाया जा रहा है, जिसके चलते शहरवासी परेशान हैं।
नगर निगम की ओर से सफाई व्यवस्था को दुरुस्त बनाए रखने के लिए सुबह जल्दी कूड़ा उठाने के लिए कर्मचारियों को निर्देश दिए गए हैं, लेकिन कचरा उठाने वाली गाड़ी हर दिन देरी से बाजार में पहुंच रही है। कायदे से कचरे को उस वक्त ही दुकान से बाहर निकालना होता है, जब कचरे की गाड़ी आए अथवा सफाई कर्मी कचरा लेने के लिए आएं।
इसके विपरित लोग कचरे के लिफाफे और कूड़ेदान रात को ही बाहर रखे जा रहे हैं और कचरा एकत्र करने की गाड़ी देरी से आने से यह कचरा सड़कों पर लावारिस पशु फैला रहे हैं। समय पर कूड़ा न उठने के कारण इन कूड़े के ढेरों में आवारा कुत्ते खाना तलाशते हुए अपना मुंह मार रहे हैं और इधर-उधर कचरा फैला रहे हैं।
गौर हो कि नगर निगम के तहत 15 वार्ड हैं, जिनमें 11 वार्ड में कूड़ा उठाने की व्यवस्था है। नगर निगम के तहत 110 कर्मचारी तैनात किए गए हैं। कूड़ा 14 वाहनों में उठाया जाता है। मुख्य बाजार में कूड़ा दोपहर तक यूं ही सड़क के किनारे पड़ा रहता है। इस कूड़े में आवारा कुत्ते मुंह मारते हुए दिखाई देते हैं। इससे कूड़ा इधर-उधर बिखर रहा है। इस कूड़े से उठने वाली बदबू के कारण लोगों का चलना भी मुश्किल हो जाता है।
इस संंबंधी ग्राहकों में पवन कुमार, दिनेश कुमार, राजीव कुमार, संजीव कुमार, निर्मला देवी, कुसुमलता, अंजना देवी का कहना है कि सुबह वह बाजार पहुंचे तो आवारा कुत्ते कूड़े के ढेर में मुंह मारते हुए नजर आए। नगर निगम के अधिकारियों को चाहिए कि वह सफाई कर्मचारियों को निर्देश जारी करें कि वह तय समय के भीतर ही कूड़ा उठाएं, ताकि लोगों को समस्या का सामना न करना पड़े।