उत्तरी भारत के प्रसिद्ध बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध में रविवार को 12 हजार श्रद्धालुओं ने शीश नवाया। शरद नवरात्र में ज्वालाजी, चिंतपूर्णी, बज्रेश्वरी आदि शक्तिपीठों में दर्शन करने के बाद श्रद्धालु बालयोगी की नगरी में पहुंच रहे हैं।
मंदिर में शनिवार देर शाम ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ना शुरू हो गई थी। अधिकांश श्रद्धालु देर रात को ही दियोटसिद्ध पहुंच गए थे, ताकि सुबह बाबा बालक नाथ की आरती के दौरान पूजा-अर्चना कर सकें। सुबह 5:00 बजे मंदिर के कपाट खोले गए। इसके बाद विधिवत पूजन के साथ दर्शनों का कार्य शुरू हुआ।
दिनभर श्रद्धालु कतारों में लगकर अपनी बारी का इंतजार करते रहे। देर शाम तक मंदिर में पौणाहारी के जयकारे गूंजते रहे। वर्तमान में शादियों का सीजन होने के कारण मंदिर में नवविवाहित जोड़े भी सुखी दांपत्य जीवन की कामना लेकर पहुंच रहे हैं।
हालांकि इससे पूर्व श्राद्ध और पितृपक्ष के कारण मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या में कमी आई थी, लेकिन अब मंदिर में प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शनों के लिए पहुंच रहे हैं। श्रद्धालुओं के संख्या बढ़ने से स्थानीय दुकानदारों व व्यवसायियों को भी लाभ हो रहा है।