अमेरिका से पंजाबियों को डिपोर्ट करने का सिलसिला अभी थमा नहीं है। इसी साल फरवरी में सैकड़ों अवैध प्रवासी पंजाबियों को यूएस डिपोर्ट किया गया था। ऐसे में यूएस से एक बुजुर्ग महिला को डिपोर्ट कर वापस पंजाब भेजा गया है। हैरानी की बात ये कि मूल रूप से पंजाब के मोहाली की 73 वर्षीय बुजुर्ग सिख महिला हरजीत कौर 30 साल से भी ज्यादा समय से अमेरिका में अपने परिवार के साथ रह रही थी। ट्रंप सरकार ने हरजीत कौर को अनडॉक्यूमेंटेड (यूएस के दस्तावेज न होने) पर कैलिफोर्निया में इमिग्रेशन अधिकारियों ने हिरासत में लेने के बाद भारत डिपोर्ट कर दिया। महिला को वहां रह रहे अपने परिवार के सदस्यों से भी मिलने नहीं दिया गया और हथकड़ी और बेड़ियों से बंधक बनाकर उसे यूएस से डिपोर्ट कर दिया।
बुजुर्ग महिला के वकील दीपक आह्लूवालिया ने हरजीत कौर को डिपोर्ट किए जाने के बारे जानकारी साझा की है। आह्लूवालिया ने सोशल मीडिया पर लिखा कि बीबीजी (हरजीत कौर) पंजाब वापस पहुंच चुकी हैं।
पूर्वी बे (नॉर्दर्न कैलिफोर्निया) में रहने वाली हरजीत कौर को इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एन्फोर्समेंट ने एक रूटीन चेकिंग के दौरान हिरासत में लिया। इसके बाद उनके परिवार और सैकड़ों समुदाय सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन किया और रिहाई की मांग की। वकील ने बताया कि बुजुर्ग हरजीत कौर को पहले बेकर्सफील्ड डिटेंशन सेंटर में रखा गया, फिर शनिवार तड़के 2 बजे उन्हें हथकड़ी लगाकर लॉस एंजेलिस ले जाया गया। वहां से उन्हें जॉर्जिया भेजा गया और आखिर में चार्टर्ड प्लेन से आर्मेनिया होते हुए दिल्ली पहुंचा दिया गया।
वकील आहलुवालिया ने दावा किया कि जॉर्जिया में हरजीत कौर को 60-70 घंटे तक बिना बिस्तर के फर्श पर कंबल डालकर सोना पड़ा। हाल ही में उनके घुटनों का ऑपरेशन हुआ था, जिस कारण उन्हें उठने-बैठने में भी दिक्कत थी। इस दौरान उन्हें न तो स्नान कराया गया और न ही उचित सुविधा दी गई।
1992 में दो बेटों के साथ अमेरिका गई थी हरजीत कौर
हरजीत कौर 1992 में अपने दो बेटों के साथ अमेरिका गई थीं। वहां उनका शरण केस 2012 में खारिज हो गया था, लेकिन तब से वह नियमित रूप से हर छह महीने में इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एन्फोर्समेंट के दफ्तर रिपोर्ट करती रहीं। उनके परिजनों ने बताया कि अधिकारियों ने उन्हें भरोसा दिया था कि दस्तावेज मिलने तक वह अमेरिका में रह सकती हैं।
कैलिफोर्निया में हुआ भारी विरोध
जब इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एन्फोर्समेंट ने हरजीत कौर को हिरासत में लिया तो कैलिफोर्निया में भारी विरोध हुआ। प्रदर्शनकारियों ने तख्तियां उठाकर हैंड्स ऑफ आवर ग्रैंडमा और ब्रिंग ग्रैंडमा होम के नारे लगाए। बावजूद हरजीत कौर को अवैध प्रवासी घोषित कर भारत डिपोर्ट कर दिया गया।
दो दशक तक स्टोर में किया काम
हरजीत कौर ने अमेरिका में एक भारतीय गारमेंट स्टोर में दो दशक से अधिक समय तक काम किया। उनके परिवार में दो पोते, तीन पोतियां और अन्य रिश्तेदार रहते हैं। परिवार का कहना है कि उनकी उम्र और गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं (जैसे थायरॉयड, माइग्रेन, घुटनों का दर्द और तनाव) को देखते हुए हिरासत में रखना उनके जीवन के लिए खतरा था।
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