नवरात्रों के अवसर पर शहर में चंदा मांगने के नाम पर प्रवासी महिलाओं की गतिविधियां बढ़ती जा रही हैं। ये महिलाएं समूह में आकर दुकानों और घरों में घुसती हैं। शुरुआत में त्योहारों के नाम पर चंदा मांगने का नाटक करती हैं, लेकिन दुकानदारों को बहकाकर दुकान का सामान इधर-उधर कर देती हैं।
जब तक दुकानदार को पता चलता है, तब तक महिलाएं रफूचक्कर हो जाती हैं। लोगों का कहना है कि ये महिलाएं घरों में भी घुसकर बुजुर्गों और महिलाओं को परेशान कर रही हैं। कई बार मना करने के बावजूद ये बार-बार घरों का दरवाजा खटखटाती हैं, जिससे महिलाएं और बुजुर्ग असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। लोगों को आशंका है कि ये महिलाएं घरों की रेकी कर पुरुष साथियों को सूचना दे सकती हैं, जिससे चोरी या अन्य अपराध की संभावना बढ़ रही है। गौर करने वाली बात है कि इनमें कई महिलाएं व किशोरियां 15–16 वर्ष की उम्र की हैं, जो बिना पंजीकरण या पहचान पत्र के शहर में घूम रही हैं। वे स्वयं को पंजाब की रहने वाली बताती हैं, लेकिन उनकी वास्तविक पहचान स्पष्ट नहीं है। प्रशासन और पुलिस की ओर से भी अब तक इन पर निगरानी नहीं रखी गई है, जिससे लोगों में असुरक्षा की भावना बढ़ गई है। लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि शहर में घूम रहीं प्रवासी महिलाओं और लड़कियों की पहचान और पंजीकरण सुनिश्चित किया जाए। दुकानों और घरों की सुरक्षा को लेकर भी ठोस कदम उठाने की जरूरत जताई गई है। डीएसपी घुमारवीं विशाल वर्मा ने कहा कि मामला सामने आया है। सभी पुलिस थानों को निर्देश दिए जाएंगे कि बिना पंजीकरण और पहचान पत्र के घूम रहे लोगों की जांच की जाए। शहर में गश्त बढ़ाई जाएगी और लोगों से अपील है कि संदिग्ध व्यक्तियों के बारे में तुरंत पुलिस को सूचित करें।