विवेक शर्मा :-हिमाचल प्रदेश के शेष हिस्सों से अगले 2-3 दिनों के दाैरान मानसून के विदा होने की संभावना है। इस बार मानसून सीजन के दौरान 25 साल बाद रिकॉर्ड बादल बरसे। 12 साल बाद सितंबर के चौथे सप्ताह में ही मानसून की विदाई हो गई है। इससे पहले साल 2013 में 19 सितंबर को मानसून विदा हुआ था। इसके बाद औसतन अक्तूबर के पहले सप्ताह में मानसून की विदाई होती रही। 25 सितंबर को मानसून की वापसी के लिए सामान्य तारीख माना गया है। मानसून की विदाई के साथ ही प्रदेश के 10 जिलों में पोस्ट मानसून सीजन शुरू होगा। 15 दिसंबर से प्रदेश में विंटर सीजन शुरू होगा। 1995 के बाद बरसात के मौसम में इस साल सबसे अधिक बादल बरसे। 1995 में 1029 मिलीमीटर बारिश हुई थी, इस बार 1023 एमएम बारिश दर्ज हुई। लाहौल-स्पीति जिला के अलावा सभी जिलों में सामान्य से काफी अधिक बारिश दर्ज हुई। इस बार सीजन के दौरान 50 जगह बादल फटे। बाढ़ की 98 और भूस्खलन की 148 घटनाएं हुईं।
जिला शिमला में सबसे अधिक बारिश हुई दर्ज
मानसून सीजन के दौरान जिला शिमला में सामान्य से 99 फीसदी अधिक बारिश हुई। बिलासपुर में 79, चंबा में 33, हमीरपुर में 60, कांगड़ा में 18, किन्नौर में 21, कुल्लू में 97, मंडी में 76, सिरमौर में 38, सोलन में 70 और ऊना जिला में 63 फीसदी अधिक बारिश हुई। एक से 24 सितंबर तक प्रदेश में सामान्य से 89 फीसदी बारिश हुई। बारिश ने अगस्त में करीब 76 वर्षों का रिकाॅर्ड तोड़ा। साल 1901 के बाद से अगस्त में नौवीं सबसे अधिक बारिश (431.3 मिलीमीटर) हुई। यह साल 1949 के बाद से अगस्त में हुई सबसे अधिक बारिश रही। इससे पहले 1927 में सबसे अधिक बारिश (542.4 मिमी) दर्ज की गई थी। अगस्त में सामान्य से 68 फीसदी बारिश दर्ज हुई। जुलाई में सामान्य बारिश हुई।