Home बड़ी खबरेnews माधोपुर हेडवर्क्स पर गरमाई राजनीति, बिट्टू ने जल संसाधन मंत्री का मांगा इस्तीफा; आप ने दिया जवाब

माधोपुर हेडवर्क्स पर गरमाई राजनीति, बिट्टू ने जल संसाधन मंत्री का मांगा इस्तीफा; आप ने दिया जवाब

Politics heats up over Madhopur Headworks; Bittu demands Water Resources Minister's resignation; AAP responds

by punjab himachal darpan

बाढ़ के दौरान माधोपुर हेडवर्क्स पर हुई लापरवाही को लेकर पंजाब में राजनीति गरमा गई है। केंद्रीय राज्यमंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा कि सिर्फ अधिकारियों पर कार्रवाई करने से बात नहीं बनेगी, बल्कि जल संसाधन मंत्री से इस्तीफा लिया जाना चाहिए।

 

 

 

उन्होंने कहा कि माधोपुर हेडवर्क्स के गेट समय पर खोलने की जरूरत थी लेकिन ऐसा नहीं किया गया। इस कारण कई बाढ़ ने भारी तबाही मचाई। बिट्टू ने आरोप लगाया कि बांधों को सिर्फ छुट्टियां मनाने के लिए इस्तेमाल किया गया, लेकिन इन बांधों को मजबूत करने के लिए कुछ नहीं किया गया।

रंधावा ने कहा-जवाबदेही तय होनी चाहिए

वहीं कांग्रेस सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा ने सीएम भगवंत मान को पत्र लिखकर कहा कि अमृतसर-गुरदासपुर में बाढ़ के लिए जवाबदेही तय की जानी चाहिए। रंधावा ने आरोप लगाया कि रणजीत सागर डैम से 6 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया, जिससे भीषण तबाही हुई। यह प्राकृतिक आपदा नहीं, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही है। केवल कार्यकारी अभियंता और एसडीओ को ही निलंबित किया गया है जबकि वास्तविक जिम्मेदारी किसकी है, यह स्पष्ट नहीं हुआ।

 

 

पानी छोड़ने की अनुमति देने वाले सिंचाई सचिव जिम्मेदार हैं या रणजीत सागर डैम और माधोपुर हेडवर्क्स के मुख्य अभियंता, यह स्पष्ट किया जाना चाहिए। साथ ही उच्च अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जानी चाहिए। अगर कार्रवाई नहीं हुई तो संसद में भी वह इस मामले को उठाएंगे।

सेवानिवृत्त न्यायाधीश से करवाएं जांच: जाखड़

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा कि माधोपुर हेडवर्क्स के गेट टूटने के मामले की सेवानिवृत्त न्यायाधीश से जांच करवाई जानी चाहिए।

 

बाढ़ से सबसे ज्यादा नुकसान रावी नदी ने किया। इसमें पानी रणजीत सागर डैम से आता है और इस डैम का पूरा नियंत्रण राज्य सरकार के पास है। सिर्फ निचले स्तर अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई से सरकार बच नहीं सकती है। इस मामले में उच्च स्तर पर जिम्मेदारी तय करने की जरूरत है।

 

उन्होंने कहा कि 20 से 26 अगस्त के बीच रावी नदी के कैचमेंट एरिया में भारी बारिश की चेतावनी होने के बावजूद रणजीत सागर डैम से बहुत कम पानी छोड़ा गया और हालात खराब होने पर अधिक पानी छोड़ना पड़ा। मुख्य इंजीनियर ने 4.70 लाख क्यूसेक पानी छोटे-छोटे नालों से आने का दावा किया। रणजीत सागर डैम और माधोपुर हेडवर्क्स के बीच कोई ऐसी नदी या नाला नहीं है, जहां से इतना पानी आ सकता हो। उन्होंने कहा कि बाढ़ के दौरान कुल 45 जगह बांध टूटे। इनमें से 42 सिर्फ रावी नदी पर थे और इस नदी का डैम पूरी तरह राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में है।

 

जाखड़ ने कहा कि विधानसभा में जल संसाधन मंत्री ने कहा था कि बांधों को मजबूत करने के लिए 203 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं लेकिन असल में सरकार ने सिर्फ 80 करोड़ ही दिए।

 

झूठे प्रचार के खिलाफ पुलिस को दी शिकायत

जाखड़ ने कहा कि सोशल मीडिया पर केंद्र सरकार और भाजपा को बाढ़ के लिए जिम्मेदार ठहराए जाने के झूठे प्रचार के खिलाफ चंडीगढ़ पुलिस को शिकायत दी गई है, ताकि इस झूठ के असली लोगों का पर्दाफाश हो सके।

 

तीन अधिकारी निलंबित, जांच कमेटी बनाई, भाजपा, कांग्रेस कर रही सिर्फ राजनीति : गर्ग

आम आदमी पार्टी पंजाब के प्रवक्ता नील गर्ग ने कहा कि बाढ़ के दौरान माधोपुर हेडवर्क्स पर हुई लापरवाही के लिए एक्सईएन समेत तीन अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। साथ ही जांच कमेटी भी गठित कर दी है लेकिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस इस मामले पर सिर्फ राजनीति कर रही है।

 

गर्ग ने कहा कि माधोपुर मामले में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अगर जांच में और अधिकारियों की भी किसी भी तरह की कोताही सामने आई तो सरकार सख्त कार्रवाई करेगी। उन्होंने कांग्रेस पर सियासी हमला बोलते हुए कहा कि पिछले इतने साल से कांग्रेस सत्ता में रही लेकिन आज तक बांधों को मजबूत करने का काम नहीं किया। अब कांग्रेस नेता सरकार पर हमला बोल रहे हैं। गर्ग ने कहा कि बाढ़ व बरसात ने भाजपा शासित राज्यों में भारी तबाही मचाई है, वहां अपने सीएम और मंत्रियों का पंजाब भाजपा के नेता इस्तीफा क्यों नहीं मांग रहे हैं।

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