Home बड़ी खबरेnews GST 2.0: जीएसटी की नई दर आज से लागू…ढाई हजार तक के जूते और कपड़े होंगे सस्ते, जानें कितना पड़ेगा असर

GST 2.0: जीएसटी की नई दर आज से लागू…ढाई हजार तक के जूते और कपड़े होंगे सस्ते, जानें कितना पड़ेगा असर

GST 2.0: New GST rates apply today... Shoes and clothes worth up to Rs 2,500 will be cheaper, find out the impact.

by punjab himachal darpan

जीएसटी की नई दर 22 सितंबर से लागू हो रही हैं। इसमें सरकार ने 5 और 18 फीसदी ही स्लैब तय किए हैं। इसमें 2500 रुपये तक के जूता और कपड़ा सस्ता हो जाएगा। जूता पर करीब 10 फीसदी और कपड़ाें पर 7 फीसदी दाम कम हो जाएंगे। इससे लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।

 

 

द आगरा शू फैक्टर्स फेडरेशन के अध्यक्ष विजय सामा ने मैन्युफैक्चरर्स और टेंडर मिलाकर 10 हजार विक्रेता हैं। सालाना टर्नओवर करीब 35 हजार करोड़ रुपये से अधिक है। अभी तक 2500 बिक्री मूल्य पर 12 फीसदी जीएसटी लगती थी। इसे घटाकर 5 फीसदी कर दिया है। कच्चा माल के 34 प्रोडक्ट में से 19 पर भी जीएसटी कम हुई है। इससे 3 फीसदी की कम होगा। इस तरह से 2500 रुपये तक के जूते पर 10 फीसदी दाम कम हो जाएंगे। आगरा रेडीमेड गारमेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील जैन ने बताया कि पहले 2500 रुपये कीमती कपड़े खरीदने पर 12 फीसदी जीएसटी लगती थी। पांच फीसदी स्लैब में आने से सीधे 7 फीसदी दाम कम हो जाएंगे। आगरा में 1000 से अधिक रेडीमेड कपड़ा विक्रेता हैं। जीएसटी कम होने से अधिकांश आबादी को सीधा लाभ पहुंचेगा।

व्यापारी-ग्राहक दोनों का फायदा

फेडरेशन ऑफ आल इंडिया व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष राजेश खुराना ने बताया कि जीएसटी कम होने से 2500 रुपये तक का जूता सस्ता होगा। इससे व्यापारी और ग्राहक दोनों को ही फायदा है। कच्चा माल भी सस्ता मिलेगा। इससे व्यापार तेजी से बढ़ेगा और रोजगार भी विकसित होगा।

 

 

 

छोटी इकाइयों के लिए बड़ी राहत

आगरा शू मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष जितेंद्र त्रिलोकानी का कहना है कि पहले 2500 रुपये के जूते पर 12 फीसदी जीएसटी देना पड़ता था। कच्चा माल भी महंगा मिलता था। कच्चा माल के अधिकांश प्रोडक्ट पर भी जीएसटी कम कर दी है। इससे छोटी इकाइयों को लाभ मिलेगा।

 

 

 

जीएसटी कम होने से बढ़ेगा व्यापार

आगरा रेडीमेड गारमेंट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष विजय मेहता ने बताया कि 2500 रुपये तक के रेडीमेड कपड़ों की कीमत 12 से 5 फीसदी कम हो जाएगी। इससे अधिकांश कपड़े आ जाते हैं, इससे लोगों को लाभ मिलेगा। दिवाली और सहालग पर व्यापार ज्यादा होने की उम्मीद है।

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