Home बड़ी खबरेnews GST 2.0: मिट्टी से बनी ईंटें नहीं होंगी सस्ती, धरी रह गई आम आदमी के सपनों का घर बनाने की उम्मीद? पढ़ें अपडेट

GST 2.0: मिट्टी से बनी ईंटें नहीं होंगी सस्ती, धरी रह गई आम आदमी के सपनों का घर बनाने की उम्मीद? पढ़ें अपडेट

GST 2.0: Clay bricks won't become cheaper, are the common man's hopes of building their dream home dashed? Read the update.

by punjab himachal darpan

जीएसटी-2 की घोषणा के बाद ईंट भट्टा उद्योग में टैक्स दरों को लेकर बने संशय पर अब तस्वीर साफ हो गई है। राज्य कर विभाग ने रविवार को शासनादेश जारी कर स्पष्ट कर दिया है कि ईंटों पर 12 फीसदी जीएसटी पहले की तरह बरकरार रहेगा। ईंट भट्टा उद्योग को जहां पांच फीसदी टैक्स स्लैब में राहत की उम्मीद थी, वहीं इस फैसले से उन्हें निराशा हाथ लगी है। इसके साथ ही ईंट भट्टों के लिए छह फीसदी कंपोजीशन स्कीम का प्रावधान भी जारी रहेगा।

 

 

 

प्रमुख सचिव राज्यकर एम. देवराज द्वारा जारी आदेश संख्या के अनुसार फ्लाई ऐश ईंट, निर्माण ईंट, सिलिकामय मिट्टी की ईंट और छत की टाइलों पर 12 प्रतिशत की दर से जीएसटी लागू होगा। वहीं, रेत से बनी ईंटों पर पांच फीसदी की दर तय की गई है।

ईंट भट्टा उद्योग मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़ा हुआ है और इसमें लाखों श्रमिकों को मौसमी रोजगार मिलता है। उद्योग संगठनों का कहना है कि टैक्स दर कम होने से न केवल ईंटों की लागत घटती बल्कि ग्रामीण निर्माण कार्यों को भी बढ़ावा मिलता। लेकिन, 12 फीसदी टैक्स जारी रहने से ईंटों की कीमतें स्थिर रहेंगी और ग्रामीण उपभोक्ताओं पर दबाव बना रहेगा।

श्रम-आधारित उद्योग को राहत मिलेगी

ऑल इंडिया एसोसिएशन ऑफ टैक्स प्रैक्टिशनर्स के वाइस चेयरमैन धर्मेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि जीएसटी-2 की घोषणा के बाद से ही ईंट उद्योग में संशय बना हुआ था कि आखिर यह किस टैक्स स्लैब में रखा जाएगा। पहले से ही इन पर 12 फीसदी जीएसटी था। इंडस्ट्री को उम्मीद थी कि ग्रामीण इलाकों से जुड़े इस श्रम-आधारित उद्योग को राहत मिलेगी। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ। बड़ी बात ये भी है कि 12 फीसदी स्लैब भी खत्म नहीं हुआ है।

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