अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रवीण गर्ग ने चेक बाउंस मामले में ट्रायल कोर्ट (अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट) द्वारा सुनाए गए दोष सिद्ध और सजा के आदेश को बरकरार रखा है। अदालत ने कांगड़ा स्थित मेसर्स आरकेएस एंटरप्राइजेज के मालिक रंजीत कुमार को तत्काल ट्रायल कोर्ट के समक्ष आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया है।
रंजीत कुमार ने 4 अक्टूबर, 2024 को ट्रायल कोर्ट के सजा आदेश को चुनौती दी थी। मामला कच्ची घाटी स्थित श्री राम सिटी यूनियन फाइनेंस लिमिटेड से जुड़ा है। वर्ष 2019 में रंजीत कुमार ने शिकायतकर्ता कंपनी से ऋण लिया था। देनदारी के निर्वहन के लिए उन्होंने 29 दिसंबर, 2021 को भारतीय स्टेट बैंक, शाखा घोराब के नाम से 1.78 लाख रुपये का चेक जारी किया जो अपर्याप्त धन के कारण बाउंस हो गया।
12 जनवरी, 2022 को कानूनी नोटिस देने के बावजूद भुगतान नहीं किया गया। केस की सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की दलीलों और सबूतों के आधार पर ट्रायल कोर्ट ने रंजीत कुमार को एक महीने की सजा और 2.50 लाख रुपये मुआवजा देने की सजा सुनाई। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने निर्देश दिए हैं कि यदि आरोपी तत्काल आत्मसमर्पण नहीं करता है तो ट्रायल कोर्ट सजा के आदेश को लागू करने के लिए स्वतंत्र होगा।