Home बड़ी खबरेnews आपदा में जालसाजों को फायदा: बाढ़ से बर्बाद हुआ कोई, वीडियो डालकर आबाद हो गया कोई ओर… पठानकोट का मामला

आपदा में जालसाजों को फायदा: बाढ़ से बर्बाद हुआ कोई, वीडियो डालकर आबाद हो गया कोई ओर… पठानकोट का मामला

Fraudsters profit from disaster: Some were devastated by the flood, while others became prosperous by posting videos... the case of Pathankot

by punjab himachal darpan

पठानकोट के बॉर्डर क्षेत्र में बाढ़ से बर्बाद कोई हुआ और उसका वीडियो बनाकर मदद कोई और ले गया। बाढ़ से बर्बाद हुए लोग अब यह सच्चाई बयां कर रहे हैं।

 

 

बॉर्डर क्षेत्र के गांव कोलियां निवासी सुखविंदर सिंह ने बताया कि रावी दरिया में आई बाढ़ से उनका डबल स्टोरी घर ध्वस्त हो गया। अब दोनों भाई परिवारों के साथ एक दुकान में समय काट रहे है। अब बच्चों के भविष्य की भी चिंता सता रही है। मां सदमे में हैं। उनके ध्वस्त घर की किसी ने वीडियो बना अपने सोशल मीडिया पर डाली और स्कैनर लगाकर सहानुभूति के साथ पैसा भी बटोर लिया। स्थानीय लोग ही मदद के हाथ बढ़ाने वाले एनआरआई और एनजीओ को गुमराह कर रहे हैं। उनकी मां भी इस बाढ़ में गिरकर गंभीर रूप में घायल हो गई है। अब तक उनको कोई सहायता नहीं प्राप्त हुई है।

एक महिला रानी देवी की चार दुकानों को बाढ़ की वजह से नुकसान हुआ लेकिन उनको भी किसी प्रकार की आर्थिक सहायता नहीं मिली है। वहीं, किशोर कुमार ने बताया कि उनकी अड्डा कोलियां में दुकानें थी और 26 अगस्त को आई बाढ़ से उनकी दुकानों को भारी नुकसान पहुंचा। दुकानों में रखा सामान भी पानी में बह गया। उसके पिता राज कुमार ने जैसे ही अपनी दुकानों में तबाही भरे हालात देखे तो वे सदमे में चले गए। दो सितंबर को उनके पिता की इसी सदमे के कारण हार्ट अटैक से मौत हो गई। उनका रोजगार का जरिया दुकान थी और तीन परिवारों का पालन पोषण दुकानों से होता था। किसी ने उन्हें आर्थिक सहायता नहीं दी।

डेढ़ किलोमीटर तक दरिया के पानी का बढ़ा ग्राफ

पठानकोट में बॉर्डर क्षेत्र में बहते रावी दरिया का पानी का ग्राफ डेढ़ किलोमीटर तक बढ़ गया है। 35 वर्षों में पहली बार हुआ है कि पानी लोगों को इतना नुकसान दे गया है। बाढ़ की वजह से जिनकी रोजी रोटी छिन गई है उनकी जिंदगी पहले से काफी मुश्किलों भरी हो गई है। सगे संबंधी भी पीड़ितों से हाथ पीछे हटाने लगे हैं। नेता दौरा करके चले जा रहे है और नुकसान की भरपाई का कोई पता नहीं है। लोगों की सरकार से मांग है कि जरूरत वालों के नुकसान का सरकारी अधिकारी सर्वे कर उनको जल्द मुआवजा दे ताकि वह पैरों पर खुद खड़े हो सकें

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