जालंधर में आदमपुर के नजदीकी गांव डरोली कलां में प्रवासी मजदूरों को लेकर इलाके की 10 पंचायतों की बैठक बुलाई गईं। जत्थेदार मनोहर सिंह ने इस बैठक में कई गांवों की पंचायतों ने सर्वसम्मति से कई प्रस्ताव पारित किए है।
बैठक में तय किया गया कि प्रवासियों के आधार कार्ड और वोटर कार्ड नहीं बनाए जाएंगे। जिन प्रवासियों के वोट पहले से बने हैं, उन्हें काट दिया जाएगा। रात के समय कोई प्रवासी न गांव में और न चौक-चौराहों पर घूम सकेगा।
पंचायतों ने यह निर्णय लिया है कि प्रवासियों को गांव के अंदर किसी भी त्योहार के लिए जगह उपलब्ध नहीं करवाई जाएगी। गांव का कोई भी व्यक्ति अपनी संपत्ति या मकान प्रवासियों को नहीं बेचेगा। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में 25 से 30 गांवों की एक और बड़ी बैठक बुलाई जाएगी, जिसमें प्रवासी मजदूरों से जुड़े मुद्दों पर आगे की रणनीति पर चर्चा होगी।
प्रवासी मजदूरों को बहिष्कार गलत, पंजाब की कृषि व उद्योग को कर देगा बर्बाद
संयुक्त किसान मोर्च (एसकेएम) के नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि प्रवासी मजदूरों का बहिष्कार गलत है। इस पर तुरंत रोक लगाई जानी चाहिए। यह पंजाब की कृषि व उद्योग को बर्बाद कर देगा।
राजेवाल ने कहा कि अगर कुछ लोग अपराध कर रहे हैं तो उनके खिलाफ सख्त सजा की मांग करनी चाहिए लेकिन इससे पूरा समुदाय खराब नहीं हो सकता है। प्रवासी मजदूरों का प्रदेश की कृषि में अहम योगदान है, इसलिए उनका बहिष्कार नहीं किया जाना चाहिए। साथ ही पराली जलाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों पर भी राजेवाल ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में सिर्फ पराली ही एक कारण नहीं है। वाहनों व इंडस्ट्री के कारण भी प्रदूषण हो रहा है। इन सब बातों को ध्यान में रखकर ही किसी भी तरह की कार्रवाई होनी चाहिए