Home बड़ी खबरेnews छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच मुठभेड़, 1 करोड़ के इनामी नक्सली बालकृष्ण सहित 10 ढेर

छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच मुठभेड़, 1 करोड़ के इनामी नक्सली बालकृष्ण सहित 10 ढेर

Encounter between security forces and Maoists in Gariaband, Chhattisgarh, 10 killed including Naxalite Balkrishna, who had a bounty of Rs 1 crore

by punjab himachal darpan

छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच मुठभेड़ हुई है। इस मुठभेड़ में 10 माओवादी मारे गए है। मारे गए नक्सलियों में एक करोड़ का इनामी बालकृष्ण उर्फ मनोज के साथ 40 लाख का इनामी प्रमोद उर्फ पाड़न्ना भी ढेर हुआ है।

 

गरियाबंद में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच सुबह से ही रुक-रुक कर मुठभेड़ हो रही है। सुरक्षाबलों द्वारा नक्सल उन्मूलन अभियान चालाया जा रहा है।

10 नक्सलियों के शव बरामद

थाना मैनपुर के जंगलों में नक्सिलियों की सूचाना के बाद सुरक्षाबलों ने साझा ऑपरेशन चलाया। जिसमें E30, STF और COBRA की टीम शामिल हैं। अब कर 10 नक्सलियों के शव बरामद कर लिए गए हैं। साथ ही भारी मात्रा में हथियार बरामद किए गए हैं। जिसमें ऑटोमेटिक हथियार, गोला-बारूद, एके-47, इंसास, एसएलआर और बड़ी संख्या में विस्फोटक भी मिले हैं।

मोडेम बालकृष्ण मुठभेड़ में ढेर

 

तेलंगाना के वारंगल जिले के मदीकोंडा गांव में गोंड परिवार में जन्मा मोडेम बालकृष्ण, जिसे बालन्ना या मनोज के नाम से जाना जाता था, युवावस्था में पीपुल्स वार ग्रुप से जुड़कर भूमिगत जीवन में उतर गया। संगठन के भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) में विलय के बाद वह लगातार ऊपर बढ़ता गया और केंद्रीय समिति तथा सेंट्रल रीजनल ब्यूरो के साथ ही ओडिशा राज्य कमेटी के प्रभारी तक पहुंचा। बस्तर और आंध्र–ओडिशा सीमा पर उसकी रणनीतिक भूमिका अहम रही।

 

केकेबीएन (कांधमाल-कालाहांडी-बोध-नयागढ़) डिवीजन का प्रभारी रहते हुए उसने सुरक्षा बलों पर कई हमलों की योजना बनाई। संगठन में उसकी पहचान एके-47 से लैस रणनीतिकार की रही। हालांकि बढ़ती उम्र और मधुमेह, स्पांडिलाइटिस व साइटिका जैसी बीमारियों ने उसे कमजोर कर दिया, लेकिन उसका अनुभव और पकड़ माओवादी संगठन की दिशा तय करता रहा।

नारायणपुर में 16 माओवादियों ने किया सरेंडर

इससे पहले, आज ही नारायणपुर जिले में 16 माओवादियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। इन माओवादियों ने बुधवार शाम वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।

 

नारायणपुर के पुलिस अधीक्षक रॉबिन्सन गुरिया ने बताया कि माओवादियों ने ‘खोखली’ माओवादी विचारधारा, निर्दोष आदिवासियों पर उनके द्वारा किए गए अत्याचारों और प्रतिबंधित संगठन में बढ़ते आंतरिक मतभेदों से निराशा जताई।

 

उन्होंने बताया कि सभी 16 माओवादी निचले स्तर के कार्यकर्ता थे, जो जनताना सरकार, चेतना नाट्य मंडली और माओवादियों की पंचायत मिलिशिया के सदस्यों सहित विभिन्न इकाइयों से जुड़े थे।

 

अधिकारी ने बताया कि हालांकि माओवादी पदानुक्रम में उनकी स्थिति अपेक्षाकृत कम थी, फिर भी उन्होंने उग्रवाद को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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