Home news मां हानोगी के सांचे दरबार को भूल गए तो मनाली न हो गया बर्बाद टूटने लगी देव परंपराएं और हो रहे अप शगुन

मां हानोगी के सांचे दरबार को भूल गए तो मनाली न हो गया बर्बाद टूटने लगी देव परंपराएं और हो रहे अप शगुन

If we forgot the molded court of Maa Hanogi, then Manali would have been ruined, Dev traditions started breaking and bad omens would be happening

by punjab himachal darpan

देवभूमि हिमाचल पर इस बार बरसाती मौसम कहर मचाया है प्रकृति पर लगातार बढ़ते मानवीय दखल को आपदाओं के आने का कारण बता रहे हैं वही देव समाज का तर्क है की देवस्थानों से हो रही छेड़छाड़ से आराध्य देवी देवता नाराज हो गए हैं यह दोनों ही तर्क सही जान पड़ते हैं दरअसल पर्यावरण और परिस्थिति को उन संतुलन पैदा हो जाने से प्रकृति कुछ ऐसे क्रोधित बैठी हुई है की देवी देवता भी किसी निवेदन पर गौर नहीं कर रहे हैं प्रकृति ही शिव है और कुदरत से हो रहे खिलवाड़ से मानो शिव और शक्ति रूठ गए हैं कथित विकास के नाम पर देवभूमि हिमाचल पर इस बार बरसाती मौसम कहर मचाया है प्रकृति पर लगातार बढ़ते मानवीय दखल को आपदाओं के आने का कारण बता रहे हैं वही देव समाज का तर्क है की देवस्थानों से हो रही छेड़छाड़ से आराध्य देवी देवता नाराज हो गए हैं यह दोनों ही तर्क सही जान पड़ते हैं दरअसल पर्यावरण और परिस्थिति को उन संतुलन पैदा हो जाने से प्रकृति कुछ ऐसे क्रोधित बैठी हुई है की देवी देवता भी किसी निवेदन पर गौर नहीं कर रहे हैं प्रकृति ही शिव है और कुदरत से हो रहे खिलवाड़ से मानो शिव और शक्ति रूठ गए हैं कथित विकास के नाम पर अनोखी मां के सांचे दरबार को लोग भूल गए हैं अब मंडी कुल्लू मनाली न पर जारी विनाश की भयानक तस्वीर डरने वाली है कई जगह पर NH का नामोनिशान मिट चुका है आपदा के इस दौर में अपशगुन हो रहे हैं तो देवी परंपराएं टूटने लगी हैं राधा अष्टमी पर पवित्र दल झील में पवित्र स्नान की सदियों पुरानी परंपरा इस बार प्रकृति के रुकने से टूट गई महर्षि पराशर के आदेश पाकर आराध्य देव चंदौली ने मां तुंगा के दरबार में हाजिरी लगाते हुए प्राकृतिक आपदा से सुरक्षा कवच को लेकर देव कल की लेकिन बरसाती आपात से फिर भी राहत नहीं मिल पाई है छोटी काशी में अपशगुन हुआ है और विकास की बाढ़ ने यहां विक्टोरिया पुल के सभी स्थापित सदियों पुराने शिवलिंग की नदी मूर्ति को खंडित कर शीश विभिन्न कर डाला पराशर झील का जलस्तर बढ़ जाने से बने हालात में इस बार यहां श्रद्धालुओं के 20 भादो स्नान पर रोक लगाई गई है महर्षि पराशर के पुजारी अमर सिंह कहते हैं कि अभी समय है प्रकृति और देवताओं पर बढ़ते मानवीय हस्तक्षेप को रोक लिया जाए इधर बरसाती मौसम में प्राकृतिक आपदा से सुरक्षा कवच प्रदान करने के निवेदन पर बाढ़ देव कमरू नाग ने भी कोई सुनवाई नहीं की मां के सांचे दरबार को लोग भूल गए हैं अब मंडी कुल्लू मनाली न पर जारी विनाश की भयानक तस्वीर डरने वाली है कई जगह पर NH का नामोनिशान मिट चुका है आपदा के इस दौर में अपशगुन हो रहे हैं तो देवी परंपराएं टूटने लगी हैं राधा अष्टमी पर पवित्र दल झील में पवित्र स्नान की सदियों पुरानी परंपरा इस बार प्रकृति के रुकने से टूट गई महर्षि पराशर के आदेश पाकर आराध्य देव चंदौली ने मां तुंगा के दरबार में हाजिरी लगाते हुए प्राकृतिक आपदा से सुरक्षा कवच को लेकर देव कल की लेकिन बरसाती आपात से फिर भी राहत नहीं मिल पाई है छोटी काशी में अपशगुन हुआ है और विकास की बाढ़ ने यहां विक्टोरिया पुल के सभी स्थापित सदियों पुराने शिवलिंग की नदी मूर्ति को खंडित कर शीश विभिन्न कर डाला पराशर झील का जलस्तर बढ़ जाने से बने हालात में इस बार यहां श्रद्धालुओं के 20 भादो स्नान पर रोक लगाई गई है महर्षि पराशर के पुजारी अमर सिंह कहते हैं कि अभी समय है प्रकृति और देवताओं पर बढ़ते मानवीय हस्तक्षेप को रोक लिया जाए इधर बरसाती मौसम में प्राकृतिक आपदा से सुरक्षा कवच प्रदान करने के निवेदन पर बाढ़ देव कमरू नाग ने भी कोई सुनवाई नहीं की

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