देवभूमि हिमाचल पर इस बार बरसाती मौसम कहर मचाया है प्रकृति पर लगातार बढ़ते मानवीय दखल को आपदाओं के आने का कारण बता रहे हैं वही देव समाज का तर्क है की देवस्थानों से हो रही छेड़छाड़ से आराध्य देवी देवता नाराज हो गए हैं यह दोनों ही तर्क सही जान पड़ते हैं दरअसल पर्यावरण और परिस्थिति को उन संतुलन पैदा हो जाने से प्रकृति कुछ ऐसे क्रोधित बैठी हुई है की देवी देवता भी किसी निवेदन पर गौर नहीं कर रहे हैं प्रकृति ही शिव है और कुदरत से हो रहे खिलवाड़ से मानो शिव और शक्ति रूठ गए हैं कथित विकास के नाम पर देवभूमि हिमाचल पर इस बार बरसाती मौसम कहर मचाया है प्रकृति पर लगातार बढ़ते मानवीय दखल को आपदाओं के आने का कारण बता रहे हैं वही देव समाज का तर्क है की देवस्थानों से हो रही छेड़छाड़ से आराध्य देवी देवता नाराज हो गए हैं यह दोनों ही तर्क सही जान पड़ते हैं दरअसल पर्यावरण और परिस्थिति को उन संतुलन पैदा हो जाने से प्रकृति कुछ ऐसे क्रोधित बैठी हुई है की देवी देवता भी किसी निवेदन पर गौर नहीं कर रहे हैं प्रकृति ही शिव है और कुदरत से हो रहे खिलवाड़ से मानो शिव और शक्ति रूठ गए हैं कथित विकास के नाम पर अनोखी मां के सांचे दरबार को लोग भूल गए हैं अब मंडी कुल्लू मनाली न पर जारी विनाश की भयानक तस्वीर डरने वाली है कई जगह पर NH का नामोनिशान मिट चुका है आपदा के इस दौर में अपशगुन हो रहे हैं तो देवी परंपराएं टूटने लगी हैं राधा अष्टमी पर पवित्र दल झील में पवित्र स्नान की सदियों पुरानी परंपरा इस बार प्रकृति के रुकने से टूट गई महर्षि पराशर के आदेश पाकर आराध्य देव चंदौली ने मां तुंगा के दरबार में हाजिरी लगाते हुए प्राकृतिक आपदा से सुरक्षा कवच को लेकर देव कल की लेकिन बरसाती आपात से फिर भी राहत नहीं मिल पाई है छोटी काशी में अपशगुन हुआ है और विकास की बाढ़ ने यहां विक्टोरिया पुल के सभी स्थापित सदियों पुराने शिवलिंग की नदी मूर्ति को खंडित कर शीश विभिन्न कर डाला पराशर झील का जलस्तर बढ़ जाने से बने हालात में इस बार यहां श्रद्धालुओं के 20 भादो स्नान पर रोक लगाई गई है महर्षि पराशर के पुजारी अमर सिंह कहते हैं कि अभी समय है प्रकृति और देवताओं पर बढ़ते मानवीय हस्तक्षेप को रोक लिया जाए इधर बरसाती मौसम में प्राकृतिक आपदा से सुरक्षा कवच प्रदान करने के निवेदन पर बाढ़ देव कमरू नाग ने भी कोई सुनवाई नहीं की मां के सांचे दरबार को लोग भूल गए हैं अब मंडी कुल्लू मनाली न पर जारी विनाश की भयानक तस्वीर डरने वाली है कई जगह पर NH का नामोनिशान मिट चुका है आपदा के इस दौर में अपशगुन हो रहे हैं तो देवी परंपराएं टूटने लगी हैं राधा अष्टमी पर पवित्र दल झील में पवित्र स्नान की सदियों पुरानी परंपरा इस बार प्रकृति के रुकने से टूट गई महर्षि पराशर के आदेश पाकर आराध्य देव चंदौली ने मां तुंगा के दरबार में हाजिरी लगाते हुए प्राकृतिक आपदा से सुरक्षा कवच को लेकर देव कल की लेकिन बरसाती आपात से फिर भी राहत नहीं मिल पाई है छोटी काशी में अपशगुन हुआ है और विकास की बाढ़ ने यहां विक्टोरिया पुल के सभी स्थापित सदियों पुराने शिवलिंग की नदी मूर्ति को खंडित कर शीश विभिन्न कर डाला पराशर झील का जलस्तर बढ़ जाने से बने हालात में इस बार यहां श्रद्धालुओं के 20 भादो स्नान पर रोक लगाई गई है महर्षि पराशर के पुजारी अमर सिंह कहते हैं कि अभी समय है प्रकृति और देवताओं पर बढ़ते मानवीय हस्तक्षेप को रोक लिया जाए इधर बरसाती मौसम में प्राकृतिक आपदा से सुरक्षा कवच प्रदान करने के निवेदन पर बाढ़ देव कमरू नाग ने भी कोई सुनवाई नहीं की