हिमाचल प्रदेश को नशा-मुक्त बनाने के संकल्प के साथ, आज धर्मशाला में एक विशाल महा जागरूकता अभियान (वाकाथान) आयोजित किया गया। इस ऐतिहासिक पहल में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने स्वयं दौड़ लगाई, जिसके साथ उनके मंत्रिमंडल के सदस्य, विधायक, प्रशासनिक अधिकारी, और हजारों की संख्या में छात्र-छात्राओं और विभिन्न संगठनों के सदस्यों ने भाग लिया। ‘दाड़ी मेला मैदान’ से शुरू हुई 2200 मीटर की इस दौड़ ने प्रदेश में ‘चिट्टा’ (हेरोइन) के खिलाफ एक मजबूत संदेश दिया।
सरकार का त्रिसूत्रीय एक्शन प्लान
मुख्यमंत्री सुक्खू ने बताया कि राज्य सरकार नशे की चुनौती से निपटने के लिए एक तीन-आयामी रणनीति पर काम कर रही है:
जन-जागरूकता: बड़े पैमाने पर लोगों को नशे के खतरों के बारे में जागरूक करना।
माफिया पर शिकंजा: कानून प्रवर्तन एजेंसियों को सशक्त कर नशा माफिया पर कठोर कार्रवाई करना।
पुनर्वास: नशे की गिरफ्त में आए युवाओं और बच्चों के लिए प्रभावी पुनर्वास सुनिश्चित करना।
वाकाथान के दौरान, पुलिस द्वारा स्थापित एंटी-चिट्टा सेल्फी प्वाइंट आकर्षण का केंद्र रहा, जहां मुख्यमंत्री ने स्वयं सेल्फी लेकर जागरूकता फैलाने के इस अनूठे तरीके का उद्घाटन किया
यातायात व्यवस्था में बदलाव
इस बड़े आयोजन के चलते, शहर में यातायात को भी व्यवस्थित किया गया। सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक रेडक्रास चौक से शीला चौक तक वाहनों का आवागमन बंद रहा, और पालमपुर की ओर से आने वाले वाहनों को चैतड़ू, वाया सकोह से धर्मशाला के लिए डायवर्ट किया गया।
माफिया को सख्त चेतावनी
यह दूसरा बड़ा आयोजन था; इससे पहले 15 नवंबर को शिमला के रिज मैदान से चौड़ा मैदान तक इसी तरह की जागरूकता वाकाथान हुई थी। उस समय मुख्यमंत्री ने नशे के सौदागरों को स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी थी कि वे या तो राज्य छोड़ दें, अन्यथा उनका पूरा नेटवर्क और नामोनिशान मिटा दिया जाएगा। उनका कहना है कि इस ‘चिट्टा हटाओ’ आंदोलन में सरकार, पुलिस और जनता पूरी तरह एकजुट और तैयार है।