एचआरटीसी में ऑनलाइन भुगतान प्रणाली को यात्रियों का जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। बसों में दैनिक आधार पर ऑनलाइन ट्रांजैक्शन तेजी से बढ़ी है। वर्तमान में एचआरटीसी बसों में प्रतिदिन करीब 10,000 ऑनलाइन भुगतान दर्ज किए जा रहे हैं। डिजिटल माध्यमों से बढ़ रहे लेन-देन से निगम की आय में भी वृद्धि हुई है। आंकड़ों के अनुसार कुल कमाई में लगभग 14 लाख रुपए ऑनलाइन पेमैंट से प्रतिदिन प्राप्त हो रहे हैं। एचआरटीसी बसों में अब यात्री गूगल पे, फोन पे, डैबिट/क्रैडिट कार्ड व क्यूआर कोड स्कैन करके आसानी से टिकट का भुगतान कर रहे हैं, जिससे कैश लेन-देन की जटिलता कम हुई है। डीडीएम आईटी राजेश शर्मा का कहना है कि डिजिटल भुगतान व्यवस्था पारदर्शिता बढ़ाने और यात्रियों को बेहतर सुविधा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
निगम अधिकारियों ने बताया कि बढ़ती डिजिटल पेमैंट सिस्टम के चलते अब बस कंडक्टरों को भी ई.मशीन संचालन और ऑनलाइन टिकट प्रक्रिया का विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे किसी भी प्रकार की तकनीकी दिक्कतों से तुरंत निपटा जा सके। इसके अलावा निगम डिजिटल पेमैंट को और अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए नई तकनीक शामिल करने पर भी विचार कर रहा है। वहीं एनसीएमसी कार्ड से भी लोग भुगतान कर रहे हैं और ये कार्ड बना रहे हैं, क्योंकि ये कार्ड बिना इंटरनैट या फिर जहां इंटरनैट की सुविधा धीमी है, वहां भी इनसे कैशलैस भुगतान हो रहा है।
खुले पैसों की समस्या हो गई अब खत्म
यात्रियों का कहना है कि डिजिटल पेमैंट से छोटे नोट और छुट्टे पैसे का झंझट खत्म हो गया है और यात्रा प्रक्रिया पहले से अधिक सरल और सुरक्षित हो गई है। एच.आर.टी.सी. का यह कदम आधुनिक परिवहन प्रणाली की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
परिचालकों को अधिक से अधिक ऑनलाइन टिकट काटने के निर्देश
वहीं निगम प्रबंधन ने प्रदेश भर के परिचालकों को निर्देश दिए हैं कि वे अधिक से अधिक यात्रियों से ऑनलाइन के माध्यम से टिकट काटें, क्योंकि प्रदेश में अधिकतर लोग अब गूगल-पे व अन्य ऑनलाइन साधनों से पेमैंट करते हैं। निगम का उद्देश्य है कि आगामी 2 वर्षों में 100 प्रतिशत ट्रांजैक्शन ऑनलाइन तरीके से हो सके।