Home बड़ी खबरेnews भगवान से मौत मांग रहे Yuvraj के पिता योगराज सिंह, सामने आया चौंकाने वाला बयान

भगवान से मौत मांग रहे Yuvraj के पिता योगराज सिंह, सामने आया चौंकाने वाला बयान

Yuvraj's father Yograj Singh is praying to God for death, a shocking statement has come to light.

टीम इंडिया के पूर्व तेज गेंदबाज और अभिनेता योगराज सिंह ने हाल ही में अपने अकेलेपन और जीवन में चल रहे संघर्षों के बारे में खुलकर बातचीत की है। 62 साल के योगराज, जो युवराज सिंह के पिता हैं, आजकल अपने गृहनगर में अकेले रहते हैं। उन्होंने कहा कि अब उनकी जिंदगी में देखने या करने के लिए कुछ खास नहीं बचा है और अब जीवन पूरा हो चुका है और वह मरने के लिए तैयार हैं।

 

अकेले रहते हैं, खाने के लिए भी दूसरों पर निर्भर

योगराज ने बताया कि घर पर उनके साथ कोई नहीं रहता। वे शाम को अकेले बैठे रहते हैं और कभी-कभी खाने के लिए दूसरे लोगों पर निर्भर होना पड़ता है। उन्होंने कहा, “अगर मुझे भूख लगती है तो कोई न कोई खाना दे देता है। मैं किसी से कुछ नहीं मांगता।” उन्होंने बताया कि पहले घर में नौकर और रसोइया हुआ करते थे, लेकिन समय के साथ सभी चले गए। योगराज ने कहा कि उन्हें अपनी मां, बच्चों और पोते-पोतियों से बहुत प्यार है, लेकिन वे किसी पर बोझ नहीं बनना चाहते।

 

योगराज ने की दूसरी शादी

योगराज का निजी जीवन उतना ही चर्चित रहा है जितना उनका क्रिकेट करियर। उन्होंने पहली शादी शबनम कौर से की, जिनसे उन्हें दो बेटे, युवराज और ज़ोरावर हुए। यह शादी लगातार झगड़ों के कारण टूट गई। खुद युवराज ने बताया था कि उन्होंने अपने माता-पिता को तलाक लेने की सलाह दी, क्योंकि घर में हमेशा विवाद चलता रहता था। इसके बाद योगराज ने दूसरी शादी नीना बुंधेल (सतबीर कौर के नाम से भी जानी जाती हैं) से की, जिनसे उन्हें एक बेटा विक्टर और एक बेटी अमरजोत हुई।

 

योगराज को सबसे बड़ा सदमा

योगराज ने बताया कि उनके जीवन का सबसे बड़ा झटका तब लगा जब शबनम और युवराज उनका घर छोड़कर चले गए। उन्होंने कहा, ‘मैं पूरी तरह असहाय महसूस कर रहा था और समझ नहीं पा रहा था कि जिन्हें मैं इतना प्यार करता था, वे मुझे क्यों छोड़कर चले गए। जिस औरत के लिए मैंने अपनी पूरी ज़िंदगी दे दी, वह भी मुझे छोड़कर चली गई।’ योगराज ने यह भी सांझा किया कि उन्होंने जीवन में कई उतार-चढ़ाव देखे। उन्होंने कहा, ‘अब अक्सर सोचता हूं कि बुढ़ापे में मेरे साथ कोई क्यों नहीं है। यह भगवान का खेल था। बहुत गुस्सा और बदले की भावना भी थी। फिर क्रिकेट आया, लेकिन बीच में रुक गया। यूवी को क्रिकेट सिखाया, वह खेला और चला गया। फिर मैंने दूसरी शादी की, दो बच्चे हुए और वे भी अमेरिका चले गए। कुछ फिल्में आईं, समय बीत गया और मैं वहीं आ गया जहां से शुरू किया था। मैं खुद से पूछता हूं कि मैंने यह सब क्यों किया? क्या आज मेरे साथ कोई है? यह होना था और अच्छे के लिए हुआ।’

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