Home बड़ी खबरेnews वेटर हत्याकांड के आरोपियों को Court ने सुनाई सख्त सजा,

वेटर हत्याकांड के आरोपियों को Court ने सुनाई सख्त सजा,

The court sentenced the accused in the waiter murder case to severe punishment.

जिले में वेटर की हत्या करने वाले आरोपियों को कोर्ट ने सख्त फैसला सुनाया है। जानकारी के मुताबिक, स्थानीय सारू मेहता कौशिक की अदालत ने एक वेटर की हत्या के मामले में 4 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत ने 3 दोषियों पर 45,000 रुपये और एक पर 20,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।

 

पुलिस थाना पीएयू ने 6 दिसंबर, 2022 को आरोपी बलविंदर सिंह निवासी आजमगढ़, उत्तर प्रदेश,पटना के विकास कुमार उर्फ बोना, मंजिंदर सिंह उर्फ मणि संधू निवासी हैबोवाल खुर्द लुधियाना व कृष्ण कुमार निवासी ओंकार एनक्लेव लुधियाना के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और 34 के तहत मामला दर्ज किया गया था। अभियोजन पक्ष के अनुसार, मृतक विक्की के भाई शिकायतकर्ता विजय सिंह ने पुलिस को बताया कि उनके पिता रसोइया के रूप में काम करते थे और उनके छोटे भाई विक्की, जिनकी उम्र लगभग 19 वर्ष थी, ठेकेदार बलविंदर सिंह के नीचे एक वेटर के रूप में काम करते थे। उन्होंने कहा कि विक्की का बलविंदर के साथ 5,500 रुपये के लंबित बकाया को लेकर विवाद था, जिसे ठेकेदार बार-बार अनुरोध के बावजूद पूरा नहीं कर रहा था।

 

3 दिसंबर को बलविंदर सिंह और उनके साथी मणि संधू, विकास और कृष्णा ने विक्की को फ़ोन किया और उनसे अपना पैसा लेने के लिए कहा। जब विक्की वहां पहुंचां, तो उनका उसके साथ झगड़ा हो गया। शोर सुनकर लोग मौके पर जमा हो गए, जिसके बाद बलविंदर और उसके साथी चले गए। 5 दिसंबर को, उसने कहा कि वह विक्की के साथ टहलने के लिए बाहर गया था तब मणि संधू, विकास और कृष्ण ने आकर उस पर हमला किया। विकास और कृष्णा ने विक्की को पकड़ लिया, जबकि मणि संधू ने उसे चाकू मारा। शिकायतकर्ता ने कहा कि जब ख़ून बह रहा था, तब भी आरोपी ने उसे पीटा। उसने कहा कि उसने हस्तक्षेप करने की कोशिश की लेकिन आरोपी ने उस पर भी हमला किया। बाद में लोगो के इकट्ठे होने पर आरोपी मौके से फरार हो गए। शिकायतकर्ता ने कहा कि उसने एक वाहन की व्यवस्था की और विक्की को डीएमसी अस्पताल ले जाया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।

 

पुलिस ने आरोपीयो के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है। जांच के बाद आरोपपत्र अदालत में पेश किया गया। बचाव पक्ष के वकीलो ने कहा कि आरोपियों को विजय सिंह के इशारे पर झूठा फंसाया गया है। अदालत ने रिकॉर्ड पर सबूतों व सरकारी वकील रमनदीप कौर गिल की बहस सुनने के बाद पाया कि अभियोजन पक्ष के गवाह विजय सिंह मौके पर मौजूद होने वाले सबसे स्वाभाविक गवाह थे क्योंकि वह अपने भाई विक्की के साथ टहलने के लिए अपने घर से बाहर आए थे।

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