पंजाब की ट्रैवल इंडस्ट्री इन दिनों गंभीर संकट से गुजर रही है। विदेशी वीजा नीतियों में बदलाव, सोशल मीडिया पर फैली अफवाहें और अनिश्चित माहौल ने ट्रैवल सैक्टर को बड़ा नुकसान पहुंचाया है। कनाडा की ओर से हाल ही में स्टूडैंट वीज़ा प्रक्रिया को धीमा करने और कुछ देशों द्वारा वीज़ा नियम कड़े करने के कारण हजारों परिवार प्रभावित हुए हैं। पिछले कुछ महीनों में टिकट बुकिंग, फाइल प्रोसैसिंग और स्टूडैंट कंसल्टेशन में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है।
कंधारी ग्रुप के एम.डी. अनिल कुमार कंधारी ने कहा कि पंजाब की ट्रैवल इंडस्ट्री एक समय देश की सबसे तेज़ी से बढ़ने वाली इंडस्ट्री में गिनी जाती थी, लेकिन अब हालात बेहद चिंताजनक हैं। लोग विदेश जाने से पहले भय और असमंजस में हैं। हर रोज नई अफवाहें और फर्जी वीडियो सोशल मीडिया पर चल रही हैं, जिससे आम लोगों में भ्रम की स्थिति है। उन्होंने कहा कि विश्व के विकसित देशों की पालसियों से ट्रैवल इंडस्ट्री को नुकसान पहुंच रहा है। पहले जहां रोजाना सैकड़ों आवेदन आते थे, अब कई एजैंट्स के दफ्तरों में सन्नाटा है। कंधारी ने भारत सरकार से अपील की कि वे संबंधित दूतावासों से बात कर स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करवाएं ताकि छात्रों और यात्रियों को राहत मिले। अगर वीज़ा प्रक्रिया जल्द सामान्य नहीं हुई तो पंजाब की ट्रैवल इंडस्ट्री को आर्थिक नुकसान के साथ-साथ रोजगार पर भी बड़ा असर पड़ेगा।
विदेश जाना पहले जैसा आसान नहीं रहा : गुरबक्श गिल
पंजाब ट्रैवल एजैंट्स एसोसिएशन के प्रधान गुरबक्श गिल ने कहा कि अब लोगों में यह धारणा बन गई है कि विदेश जाना पहले जैसा आसान नहीं रहा। कई युवाओं ने विदेश में सैटल होने के सपने को छोड़ दिया है। सरकार को चाहिए कि वह वैध एजैंट्स को प्रमोट करे और फर्जी एजैंसियों पर कार्रवाई करे ताकि जनता का भरोसा दोबारा बहाल हो। अगर आने वाले महीनों में स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो पंजाब की ट्रैवल इंडस्ट्री को और भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।