Home बड़ी खबरेnews इस राज्य में 40 लाख गरीब परिवारों को मुफ्त राशन किट, अप्रैल 2026 से लागू होंगे ये नए न‍ियम

इस राज्य में 40 लाख गरीब परिवारों को मुफ्त राशन किट, अप्रैल 2026 से लागू होंगे ये नए न‍ियम

Free ration kits for 4 million poor families in this state; new rules to be implemented from April 2026

पंजाब सरकार ने वित्तीय संकट के बीच महिलाओं को हर महीने 1000 रुपये देने की अपनी चुनावी गारंटी पूरी न कर पाने के बाद अब वैकल्पिक योजना की रूपरेखा तैयार कर ली है। इसके तहत राज्य के 40 लाख गरीब परिवारों को अप्रैल 2026 से मुफ्त राशन किट दी जाएगी। इस योजना पर सालाना लगभग 1000 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।

 

राशन किट में शामिल सामान

सूत्रों के अनुसार, राशन किट उन परिवारों को दी जाएगी जिन्हें पहले से ही प्रति व्यक्ति 5 किलो गेहूं मुफ्त मिलता है। प्रत्येक तिमाही (अप्रैल, जुलाई, अक्टूबर, जनवरी) में परिवारों को निम्नलिखित सामान मिलेगा:

➤ 1 लीटर सरसों का तेल

➤ 2 किलो चीनी

➤ 1 किलो चायपत्ती

➤ 2 किलो दाल

➤200 ग्राम हल्दी

 

सरकार का दावा है कि इस योजना से गरीब परिवारों को सीधा लाभ मिलेगा और वित्तीय बोझ कम होगा। हालांकि, योजना के लिए फंडिंग का स्रोत अभी स्पष्ट नहीं है।

 

केजरीवाल का पंजाब दौरा

AAP संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज पंजाब पहुंचे हैं। उनके दौरे का मुख्य एजेंडा अभी आधिकारिक रूप से जारी नहीं किया गया है, लेकिन अनुमान है कि महिलाओं को 1000 रुपये की गारंटी और नई राशन योजना पर चर्चा होगी। उन्होंने मुख्य सचिव के.ए.पी. सिन्हा से इस योजना पर विस्तृत बातचीत करने की संभावना है।

 

महिलाओं की नकद गारंटी क्यों अटकी?

2022 विधानसभा चुनाव से पहले AAP ने महिलाओं को मासिक 1000 रुपये देने की घोषणा की थी। लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इसे 1100 रुपये करने का ऐलान किया, लेकिन वित्तीय संकट के कारण योजना लागू नहीं हो सकी। वित्त विभाग के अनुसार, राज्य की सभी वयस्क महिलाओं को 1100 रुपये देने पर सालाना 17 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।

 

सरकार का दावा और वित्तीय स्थिति

सरकार ने पहले ही मुफ्त बिजली, 45,000 नौकरियों और मोहल्ला क्लिनिक जैसी 80% गारंटियों को पूरा करने का दावा किया है। AAP प्रवक्ता नील गर्ग ने कहा, “राजस्व संग्रह बेहतर हो रहा है और महिलाओं की गारंटी भी जल्द पूरी की जाएगी।”

 

पुरानी राशन योजनाओं से मिली सीख

पंजाब में पहले भी राशन योजनाओं का इतिहास रहा है। 2007 में अकाली-भाजपा सरकार ने ‘आटा-दाल योजना’ शुरू की थी, जिसमें 4 रुपये किलो आटा और 20 रुपये किलो दाल देने का लक्ष्य था। लेकिन 10 साल के कार्यकाल में यह योजना ठीक से लागू नहीं हो सकी। इसके चलते मार्कफैड और पनसप जैसी एजेंसियों पर करोड़ों रुपये का कर्ज चढ़ गया, जिस पर अभी भी पनसप को 900 करोड़ रुपये का लोन चुकाना है और हर महीने 5.25 करोड़ रुपये ब्याज देना पड़ता है।

You may also like