दीपावली पर्व को लेकर हिमाचल प्रदेश के बाजारों में चहल-पहल बढ़ गई हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि धनतेरस के शुभ अवसर पर अपनी राशि के अनुसार वस्तुओं की खरीदारी की जाए, तो इसका परिणाम और भी शुभ होता है। धनतेरस 18 अक्तूबर शनिवार को मनाया जाएगा। इस दिन खरीदारी करने और पूजा का विशेष महत्व है। धनतेरस के दिन छह चौघड़िया (पूजा और खरीदारी का मुहूर्त) मुहूर्त होगा।
इस वर्ष त्रयोदशी तिथि 18 अक्तूबर को दोपहर 12:20 बजे शुरू होगी और 19 अक्तूबर को दोपहर 1:52 बजे समाप्त होगी। मुहूर्त में बर्तनों और गहनों की खरीदारी शुभ माना जाती है। यह त्योहार दीपावली के पंच दिवसीय उत्सव का पहला दिन होता है, जो भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी और कुबेर देवता की पूजा के लिए समर्पित है। इस दिन पूजा सहित खरीदारी करने का भी विशेष महत्त्व है। इस वर्ष धनतेरस पूजा का शुभमुहूर्त शाम 7:16 से रात 8: 20 बजे तक रहेगा। इसमें भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी और कुबेर देवता की पूजा-अर्चना करना अत्यंत शुभ होता है।
इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा करने से स्वास्थ्य लाभ होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। इस दिन माता लक्ष्मी और कुबेर देवता की पूजा करने से धन तथा संपत्ति की प्राप्ति होती है। गंज बाजार के राधा-कृष्ण मंदिर के पंडित उमेश नौटियाल ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार जिस दिन प्रदोष काल में कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि लगती है, उसी दिन धनतेरस का त्योहार मनाने की परंपरा है। इसलिए धनतेरस 18 अक्तूबर को मनाया जाएगा। इस दिन शुभ मुहूर्त में पूजा और खरीदारी करना अत्यंत शुभ रहेगा।
खरीदारी का शुभ मुहूर्त
धनतेरस पर पूजा और खरीदारी का विशेष महत्व है। धनतेरस के दिन चौघड़िया (पूजा और खरीदारी का मुहूर्त) में पूजा करना और खरीदारी करना फलदायी होता है। इस दिन दोपहर को तीन चौघड़िया लग रही हैं। इनमें चल चौघड़िया दोपहर बाद 12:06 से 1:31 बजे तक रहेगी। लाभ चौघड़िया दोपहर 1:31 से 2:57 बजे तक और अमृत चौघड़िया 2:57 से 4:22 बजे तक रहेगी। शाम की चौघड़िया में भी तीन मुहूर्त होंगे। इनमें लाभ चौघड़िया शाम 5:48 से 7:23 बजे तक, शुभचौघड़िया रात 8:58 से 10:33 बजे तक और चल चौघड़िया मूहूर्त रात 12:04 से लेकर रात 1:39 बजे तक रहेगा।
जीएसटी घटने के बावजूद कांसे के बर्तन बिक रहे महंगे
राजधानी शिमला में इस बार लोगों को कांसे के बर्तन खरीदने के लिए जेब ढीली करनी होगी। जीएसटी घटने के बावजूद राजधानी में कांसे के बर्तन इस बार महंगे मिलेंगे। हालांकि इसकी मांग पर कोई असर नहीं पड़ा है। धनतेरस पर इसकी बंपर खरीदारी होने का अनुमान है। शहर के बर्तन कारोबारियों के अनुसार तांबे की तरह कांसे की जीएसटी दरें भी 12 फीसदी से घटकर पांच फीसदी रह गई हैं। ऐसे में शहरवासियों को धनतेरस और दिवाली पर कांसे के बर्तन सस्ते होने की उम्मीद थी लेकिन इसकी बंपर डिमांड के चलते दाम घटने की बजाय 100 से 200 रुपये प्रति किलो तक बढ़ गए हैं। पिछले साल शहर के लोअर बाजार में कांसा 1200 से 1500 रुपये प्रतिकिलो की दर से बिक रहा था। इस साल 1200 से 1800 रुपये प्रतिकिलो तक बिक रहा है। कारोबारियों के अनुसार पिछले कुछ वर्षों से कांसे के बर्तनों का प्रचलन बढ़ा है। पिछले दो साल में कांसे के बर्तनों की बंपर बिक्री हुई है। इस बार भी उम्मीद है कि इन बर्तनों का जमकर कारोबार होगा।