आम आदमी पार्टी सरकार ने फेस्टिव सीजन में रियल एस्टेट सेक्टर को बड़ी राहत दी है, जिसके तहत सी.एल.यू. के साथ नक्शा पास करवाने की शर्त से छूट दे दी गई है। यहां यह बताना उचित होगा कि लंबे समय से किसी भी कॉलोनी, बिल्डिंग, कमर्शियल प्रोजेक्ट के लिए अलग-अलग सी.एल.यू. और नक्शा पास कराने का चलन चल रहा था, लेकिन 2023 के दौरान सी.एल.यू. के साथ नक्शा, लेआउट पास करवाने की शर्त लागू कर दी गई है।
अब सरकार द्वारा निवेश बढ़ाने के अलावा उद्योग जगत को सुविधाएं देने के नाम पर जो लगातार मीटिंग की जा रही। इस दौरान रियल एस्टेट सेक्टर ने मांग की है कि सी.एल.यू. के साथ नक्शा पास कराने की शर्त को खत्म किया जाए। इसे देखते हुए शहरी विकास विभाग द्वारा एक बार फिर सिस्टम में बदलाव कर दिया गया है, जिसके अनुसार सी.एल.यू. के बाद अलग से नक्शा, लेआउट पास कराने या लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आवेदन किया जा सकता है।
इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी की गई है, जिसमें उल्लेख किया गया है कि किसी भी रिहायशी या व्यावसायिक प्रोजेक्ट का नक्शा पास करवाने से पहले लोन या अन्य विभागों से एनओसी लेने के लिए सी.एल.यू. की मंजूरी जरूरी होने का हवाला दिया गया है। हालांकि सी.एस.यू. के साथ नक्शा पास करवाने का पुराना विकल्प भी खुला रखा गया है।
4 साल की फिक्स की गई है डेडलाइन
सी.एल.यू. पास करवाने के लिए 4 वर्ष की डेडलाइन तय की गई है, जिसमें पहले 2 वर्ष के लिए वैध होगा और फिर 20 प्रतिशत शुल्क जमा करने पर 2 वर्ष की एक्सटेंशन मिल सकती है पर यह शर्त मास्टर प्लान में बदलाव पर निर्भर करेगी।
3 महीने के अंदर देनी होगी मंजूरी
सरकार ने रियल एस्टेट सेक्टर के लोगों द्वारा किसी भी तरह के प्रोजेक्ट को पास करवाने के दौरान होने वाली परेशानियां को दूर करने के लिए 3 महीने के अंदर मंजूरी देना अनिवार्य कर दिया है, जिसके तहत सीएलयू और नक्शा मंजूर करवाने या लाइसेंस देने का फैसला 23 दिनों के अंदर करना होगा। इसके लिए यह भी तय किया गया है कि किस अधिकारी स्तर पर मंजूरी दी जाएगी और उसे कितने दिनों में फाइल क्लियर करनी होगी।
कमेटी के सदस्यों ने मंत्री मुंडियां के साथ की मीटिंग
सरकार द्वारा रियल एस्टेट सेक्टर के विकास के लिए जो कमेटी बनाई गई है उसके सदस्यों ने कैबिनेट मंत्री हरदीप मुंडियां के साथ बैठक की। इस दौरान एजीआई के सुखदेव सिंह, जनपथ के मोहिंदर गोयल, सुखमनी के रूपिंदर सिंह चावला और करण अरोड़ा मौजूद रहे। सदस्यों ने रियल एस्टेट सेक्टर को राहत देने के लिए लिए गए फैसलों के लिए सरकार की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस संबंध में जमीनी स्तर पर फीडबैक मिलने के बाद जल्द ही सरकार को एक रिपोर्ट सौंपी जाएगी, जिसमें रियल एस्टेट सेक्टर को प्रोत्साहित करने के लिए नीति में बदलाव को लेकर सिफारिशें की जाएंगी।