विधानसभा क्षेत्र शाहपुर के दुरगेला स्थित गोहजू के श्मशानघाट में शनिवार को सड़क हादसे में मारे गए सैनिक सुमित सिंह को गमगीन माहौल में अमर रहे के नारों के साथ अंतिम विदाई दी गई। उन्हें सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। सुमित सिंह 13 जैक में तैनात थे। अंतिम संस्कार में उनके परिजन, अभिभावक, सैकड़ों स्थानीय नागरिकों के साथ-साथ शाहपुर के विधायक केवल सिंह पठानिया, कानूनगो अजय कुमार, भारतीय सेना की पंजाब रेजिमेंट और जैकलाई के जवान भी शामिल हुए। भारतीय सेना की टुकड़ियों ने पूरे सैनिक सम्मान के साथ सुमित सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की।
सुमित सिंह की मौत अवकाश के दौरान घर पर हुई है। इसके बावजूद भारतीय सेना ने उन्हें राजकीय और सैनिक सम्मान से विदाई दी। भारतीय सेना की दो रेजिमेंटों ने चंबी से उनके पार्थिव शरीर को तिरंगे में लपेटकर उनके गांव पहुंचाया। गांव में उनका पार्थिव शरीर पहुंचने पर मातम छा गया। उनकी धर्मपत्नी, माता-पिता, भाई-भाभी और अन्य परिजन रो-रो कर बुरी तरह व्यथित थे। सुमित सिंह की आयु महज 28 वर्ष थी और उनकी कोई संतान नहीं थी। अंतिम संस्कार से पहले पार्थिव शरीर से तिरंगे को सम्मानपूर्वक उतारकर इसे मृतक के पिता उत्तम सिंह को सौंपा गया।
विधायक केवल सिंह पठानिया ने कहा कि सुमित सिंह एक उत्कृष्ट वॉलीबाल खिलाड़ी थे और भारतीय सेना में भी उन्होंने इस खेल को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। उन्होंने शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि भविष्य में सुमित के नाम पर कोई खेल का मैदान या ट्रॉफी बनवाने का सुझाव आया तो उसे अवश्य पूरा करेंगे।