जिला परिषद के वार्डों की सीमाएं अब ब्लॉकों (पंचायत समितियों) की हदों से बाहर भी तय की जा सकेंगी। राज्य सरकार ने इसके लिए प्रारूप नियम तैयार कर दिए हैं। इन पर आम लोगों से 15 दिनों में आपत्तियां व सुझाव मांगे गए हैं।
नए प्रावधान के लिए राज्य सरकार ने पंचायती राज निर्वाचन नियम 1994 में संशोधन का प्रस्ताव रखा है। हालांकि, ये नियम आम लोगों से सुझाव व आपत्तियां आने के बाद ही अधिसूचित होंगे। यह संशोधन जिला परिषद निर्वाचन क्षेत्रों की सीमा निर्धारण से संबंधित है। मौजूदा नियमों के तहत ब्लॉकों की सीमाओं के भीतर उपमंडल वार निर्वाचन क्षेत्रों का निर्धारण किया गया है।
इसी के अनुसार जिला परिषद वार्डों की पुनर्सीमांकन प्रक्रिया को भी पूरा किया जा चुका है। इसके बाद चुनाव प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। ऐसे में यह नियम संभवतया चुनाव से पूर्व लागू नहीं हो पाएंगे। नए ड्राफ्ट नियमों के अनुसार कई बार इन क्षेत्रों की जनसंख्या में भारी अंतर पाया जाता है। इसी समस्या को दूर करने के उद्देश्य से संशोधन प्रस्तावित किया गया है। नए नियमों के तहत 1994 के मूल नियम 9(2) में एक नया प्रावधान जोड़ा जाएगा। इसके अनुसार, यदि जिला परिषद की विभिन्न क्षेत्रीय निर्वाचन क्षेत्रों की जनसंख्या में पर्याप्त असमानता पाई जाती है, तो ब्लॉकों की सीमाओं से परे जाकर भी निर्वाचन क्षेत्रों की सीमाएं पुनर्निर्धारण करने का अधिकार होगा। हालांकि, यह परिवर्तन केवल भौगोलिक परिस्थितियों और प्रशासनिक सुविधा को ध्यान में रखते हुए ही किया जाएगा।