पंजाब, हिमाचल और जम्मू-कश्मीर में भीषण बाढ़ के दौरान सेना ने कैसे मुश्किल हालात में ऑपरेशन राहत को अंजाम देते हुए जिंदगियां बचाईं, ये किस्से अब सेना की फ्लड रिलीफ स्टोरीज के जरिये लोगों तक पहुंचेंगे। इस संदर्भ में सेना एक पहल के तहत विभिन्न ऑपरेशनों पर आधारित अलग-अलग भागों में एक विशेष सीरीज तैयार कर रही है जिन्हें सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म पर रिलीज किया जाएगा।
पंजाब ने साल 1988 के बाद भीषण बाढ़ की मार झेली है। इस वजह से सूबे में जहां 59 लोगों की जान चली गई और बड़ी संख्या में पशु भी बह गए। वहीं बहुतों के आशियाने उजड़ गए और फसलें भी तबाह हो गईं। हालात इतने खराब थे कि सरकार को सेना की मदद लेनी पड़ी। सेना और वायुसेना करीब 24 टुकड़ियों और लगभग 35 हेलिकॉप्टरों के साथ बाढ़ में फंसी जिंदगियों को बचाने में जुटी हुई थी।
बीएसएफ, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पंजाब पुलिस के राहत कार्य अलग चल रहे थे। वेस्टर्न कमांड के अधीनस्थ सेना की विभिन्न कोर के अंतर्गत कई यूनिटें ऑपरेशन राहत को अंजाम दे रही थीं। पंजाब की तरह हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में भी भारी बारिश और भूस्खलन की वजह से हालात बहुत ज्यादा खराब थे। लिहाजा वहां भी सेना राहत व बचाव कार्याें में जुटी थी।
छत पर तो कहीं पगडंडी पर उतारे थे हेलिकॉप्टर
लोगों को बाढ़ से बचाकर सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने के लिए सेना ने कई जोखिम भरे ऑपरेशन किए थे। इस दौरान जहां सेना ने माधोपुर में जर्जर घर की छत पर हेलिकॉप्टर उतारकर लोगों को रेस्क्यू किया, तो पगडंडी पर हेलिकॉप्टर लैंड करवा, बाढ़ में फंसे लोगों को निकाला था। इसके अलावा बाढ़ के पानी से घिरे छोटे से टापू से लोगों को रेस्क्यू किया तो एक हेडवर्क्स की ढलान पर एक पहिए पर हेलिकॉप्टर खड़ा कर कर्मचारियों की जान बचाई। इतना ही नहीं कुछ गर्भवतियों को रेस्क्यू कर उनकी सुरक्षित डिलिवरी कराने में मदद की। इसी तरह सेना के कई जोखिम भरे किस्से हैं। इन किस्सों से अन्य लोग भी अवगत होकर सेना पर गर्व करें, लिहाजा फ्लड रिलीफ स्टोरीज तैयार की जा रही हैं।
जिनकी जान बचाई, वे भी बताएंगे अनुभव
सेना के एक अफसर ने बताया कि विनाशकारी बाढ़ के दौरान जीवन को बचाने के अटूट संकल्प के साथ सेना ने ऑपरेशन राहत शुरू किया था मगर बाढ़ की भयावहता इतना ज्यादा बढ़ जाएगी, इसका अंदाजा नहीं था। उसके बावजूद कई खतरनाक ऑपरेशन किए गए। स्टोरीज की इस सीरीज में वे लोग भी अपने अनुभव बताएंगे, जिनकी जान सेना ने बचाई है या जिन्हें सेना ने मदद पहुंचाई है।