पंजाब में तीन दिन बारिश का अलर्ट है। रविवार सुबह कई जिलों में तेज बरसात के साथ आंधी-तूफान भी हुआ। फिरोजपुर, जालंधर, पठानकोट समेत अन्य जिलों में भी बारिश हुई है। वहीं मौसम विभाग ने सोमवार और मंगलवार को भी तेज बारिश की संभावना जताई है।
जालंधर में सोमवार को भगवान वाल्मीकि के प्रगटोत्सव पर शोभायात्रा निकाली जाएगी। इससे पहले रविवार सुबह तेज आंधी और बारिश के कारण अली मोहल्ला में भगवान वाल्मीकि मंदिर के बाहर लगाया पंडाल गिर गया। गनीमत रही कि इसी तरह का नुकसान नहीं हुआ। सूचना मिले पर पहुंची पुलिस और भगवान वाल्मीकि उत्सव कमेटी पंजाब के सदस्यों ने पंडाल को ठीक करवाया।
मौसम विभाग के बारिश के अलर्ट के बाद बीबीएमबी मैनेजमेंट ने भाखड़ा बांध के चारों फ्लड गेट शनिवार को दो-दो फीट तक खोल दिए थे। बांध से करीब सात हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया।
पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि फिलहाल बांध का जलस्तर 1672.62 फीट है जो खतरे के निशान से सात फीट दूर है लेकिन मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में हिमाचल व पंजाब में जोरदार बारिश होने का अलर्ट दिया है। इसी वजह से पानी छोड़ने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि नंगल बांध से नंगल और श्री आनंदपुर साहिब नहरों में 20 हजार जबकि सतलुज दरिया में 16 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा था। भाखड़ा बांध से सात हजार क्यूसेक अधिक पानी छोड़ जाने से नंगल बांध से भी सात हजार क्यूसेक पानी अधिक छोड़ा जाएगा जिससे सतलुज दरिया में आधा फीट तक पानी बढ़ जाएगा। फिलहाल चिंता की कोई बात नहीं है।
इसके अलावा पौंग बांध के स्पिलवे से भी शनिवार को 7422 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। यह फैसला भी माैसम विभाग की आगामी कुछ दिनों में भारी बारिश की चेतावनी को देखते हुए लिया गया है। मौसम विभाग ने 5-6 अक्टूबर को ऑरेंज और 7 अक्टूबर के लिए यलो अलर्ट जारी किया है। बारिश के अलर्ट के चलते ही बांधों से पानी छोड़ा जा रहा है ताकि किसी भी तरह की आपात स्थिति से निपटा जा सके। पानी छोड़ने के बाद बांध का जलस्तर 1388.27 फीट रहा जोकि खतरे के निशान से 01.73 फीट नीचे है।
बारिश न होने के चलते कम पानी छोड़ा
बीबीएमबी बोर्ड प्रबंधन के अनुसार 4 अक्टूबर को पौंग बांध के स्पिलवे से 32000 क्यूसेक पानी छोड़ा जाना था, लेकिन पौंग बांध के हिमाचल प्रदेश स्थित कैचमेंट क्षेत्रों में गत दिवस बारिश न होने के चलते शनिवार को स्पिलवे से मात्र 7422 क्यूसेक पानी ही छोड़ा गया। फिर भी यदि आने वाले दिनों मे पौंग बांध झील के कैचमेंट क्षेत्रों मे भारी बारिश होने पर यदि झील में पानी की आवक में बढ़ोतरी हुई तो फिर स्पिलवे से पानी की निकासी को भी बढ़ा दिया जाएगा।