कमिश्नरेट पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए अमृतसर के चर्चित हत्या कांड की गुत्थी सुलझा ली है। 26 सितंबर 2025 को अमृतसर के छेहरटा इलाके में धर्मजीत सिंह उर्फ धर्मा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस थाना छेहरटा की टीम ने मामले में तीन मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में दलविंदर सिंह उर्फ बिल्ला और शुभदीप सिंह उर्फ शुभ और नवराज सिंह उर्फ नूर शामिल हैं।
जांच में सामने आया है कि आरोपी दलविंदर सिंह उर्फ बिल्ला और शुभदीप सिंह उर्फ शुभ इस साजिश के मुख्य सूत्रधार थे। दोनों ने यह वारदात विदेश में बैठे हैंडलर अंकुश उर्फ बहमान (ऑस्ट्रेलिया निवासी) के इशारे पर अंजाम दी। दलविंदर उर्फ बिल्ला ने धर्मा की रेकी की, जिसमें उसे नवराज सिंह उर्फ नूर ने मदद की। वहीं शुभ ने हत्या में इस्तेमाल की गई मोटरसाइकिल और हथियारों की व्यवस्था की।
पुलिस ने बताया कि इस पूरे षड्यंत्र की साजिश कुख्यात गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया और उसके सहयोगियों ने रची थी। मामले में मनकरन सिंह, सैम और जोबन को भी नामजद किया गया है। ये तीनों अभी फरार हैं। इस संबंध में थाना छेहरटा में एफआईआर दर्ज की गई है।
पुलिस अब फरार आरोपियों की तलाश कर रही है और हत्या के पीछे मौजूद बड़े आपराधिक नेटवर्क का पर्दाफाश करने में जुटी है। अमृतसर पुलिस ने साफ किया है कि वह संगठित अपराधों को खत्म करने और शहर में शांति एवं सुरक्षा कायम रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। बता दें कि धर्मा 2012 में एएसआई की हत्याकांड में जेल में सजा काट रहा था और कुछ दिन पहले ही पैरोल पर जेल से बाहर आया था।
साल 2012 में एएसआई रविंद्र पाल सिंह की हत्या के दोषी धर्मपाल सिंह उर्फ धर्मा की वीरवार देर रात को गोलियां मार कर हत्या कर दी गई। धर्मा कुछ दिन पहले ही पैरोल पर जेल से बाहर आया था। धर्मा हत्याकांड की जिम्मेदारी जग्गू भगवानपुरिया गैंग ने ली थी।
धर्मा वीरवार रात करीब 12 बजे अपनी गाड़ी को घर के बाहर पार्क कर रहा था। इसी दौरान बाइक पर तीन युवक आए और आते ही गोलियां चलानी शुरू कर दीं। कुछ गोलियां धर्मा के सीने पर लगी, जिससे वह गंभीर रूप से जख्मी हो गया। गोलियों की आवाज सुनकर धर्मा के परिवार वाले बाहर निकले और उसे अस्पताल पहुंचाया। अस्पताल पहुंचने पर उसकी मौत हो गई।