नागरिकता न मिलने की वजह से भारतीय दंपती को 16 साल बाद ऑस्ट्रेलिया छोड़कर वापस लौटने के आदेश दिए गए हैं। हालांकि उनका 12 साल का बेटा अभिजोत वहीं रह सकेगा क्योंकि वहीं पैदा होने की वजह से वह ऑस्ट्रेलिया का नागरिक बन चुका है।
ऑस्ट्रेलिया के नियमों के अनुसार, बच्चा 10 साल का होने के बाद वहां का पक्का नागरिक बन जाता है। पंजाबी मूल के अमनदीप कौर व स्टीवन सिंह 2009 में ऑस्ट्रेलिया गए थे। वह मेलबर्न के पश्चिमी भाग स्थित विन्धम वेले में बस गए, लेकिन आज तक उन्हें नागरिकता नहीं मिल पाई।
इस साल की शुरुआत में उनको सूचित किया गया कि उन्हें नवंबर तक ऑस्ट्रेलिया छोड़ना होगा। अगर वो ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें डिपोर्ट कर दिया जाएगा। न्यायाधिकरणों में असफल अपील के बाद दंपती हस्तक्षेप की उम्मीद में अपना मामला आव्रजन मंत्री टोनी बर्क के पास ले गया लेकिन उनको वहां से भी अनुमति नहीं मिली।
दोबारा से ऑस्ट्रेलिया जाने के लिए करना चाहिए आवेदन
परिवार के वकील ने इस फैसले को हैरानी भरा बताया। इमीग्रेशन एक्सपर्ट के अनुसार फिलहाल दंपती को ऑस्ट्रेलियाई कानून का सम्मान करते हुए वापस आना चाहिए और फिर दोबारा से वहां जाने के लिए आवेदन करना चाहिए। बेटे की देखभाल करने को वजह बताते हुए आवेदन करने पर उसे स्वीकार किया जा सकता है।
बेटा अकेला कैसे रहेगा यही चिंता: अमनदीप
हवाई अड्डे की सुरक्षा में कार्यरत अमनदीप का कहना है कि उनका बेटा अकेला कैसे रहेगा, यह उनके लिए चिंता की बात है। वह कभी अकेला नहीं रहा। अगर उनका बेटा अभिजोत उनके साथ भारत आ जाता है तो भारतीय कानून के अनुसार वह अपनी ऑस्ट्रेलियाई नागरिकता खो सकता है और शायद कभी वापस भी न लौट सके इसलिए माता-पिता उसे वापस लाना नहीं चाहते।