पंजाब में दावों के विपरीत खेतों में पराली जल रही है और इसी बीच मामलों की रोकथाम के लिए तैनात किए 65 नोडल व सुपरवाइजरी अधिकारियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है। इन अधिकारियों के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी करके पूछा गया कि सूचना मिलने के बावजूद इन्होंने संबंधित खेत में पहुंच कर आग बुझाने के लिए समय रहते कार्रवाई क्यों नहीं की।
इनमें 60 नोडल व सुपरवाइजरी अधिकारी अकेले पटियाला जिले से ही हैं जबकि पांच अमृतसर जिले से हैं। जहां इस सीजन में अब तक सबसे अधिक पराली जली है। पीपीसीबी अधिकारियों के मुताबिक जिन अधिकारियों को नोटिस जारी हुए हैं उनके जवाब आने के बाद संबंधित जिले के डीसी देखेंगे कि इन मामलों में आगे क्या कार्रवाई करनी है। पीपीसीबी के अधिकारियों के मुताबिक पिछले साल की तरह इस बार भी विभिन्न विभागों से करीब 9000 मुलाजिम पराली जलाने के मामलों की रोकथाम के लिए लगाए गए हैं।
उधर, पंजाब में बुधवार तक पराली जलाने के मामलों की संख्या 95 दर्ज की गई। इनमें से 55 मामले अकेले अमृतसर जिले से हैं। पंजाब में अब तक 51 मामलों में 2 लाख 45 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इसमें से 1 लाख 90 हजार रुपये की वसूली भी कर ली गई है। वहीं पंजाब में 53 मामलों में बीएनएस की धारा 223 के तहत तहत एफआईआर दर्ज की गई है। 35 रेड एंट्रियां भी की गई हैं।
अमृतसर, तरनतारन में सबसे अधिक मामले
अमृतसर के बाद तरनतारन में सबसे अधिक 11 मामले, पटियाला में 10, बरनाला में तीन, बठिंडा, फरीदकोट, फिरोजपुर, व जालंधर में एक-एक मामला, कपूरथला में तीन, मालेरकोटला में चार मामले, होशियारपुर में दो, संगरूर में भी दो और एसएएस नगर में भी एक पराली जलाने का मामला हुआ है। पंजाब में 15 सितंबर से सेटेलाइट के जरिये खेतों में पराली जलाने के मामलों की माॅनीटरिंग हो रही है।