Home बड़ी खबरेnews पंजाब में महिलाओं के खिलाफ अपराध सात फीसदी हुआ कम, पर स्थिति अब भी चिंताजनक

पंजाब में महिलाओं के खिलाफ अपराध सात फीसदी हुआ कम, पर स्थिति अब भी चिंताजनक

Crimes against women in Punjab have declined by seven percent, but the situation remains worrying.

पंजाब में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले सात फीसदी कम हुए हैं लेकिन स्थिति अभी भी चिंताजनक है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है।

 

 

 

वर्ष 2021 में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों के 5662 मामले सामने आए थे, जो वर्ष 2023 में कम होकर 5258 हो गए हैं। प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराध दर 35.9 फीसदी है, जो राष्ट्रीय दर 66.2 से कम है। अपराध दर की गणना प्रति 1,00,000 महिला जनसंख्या पर मामलों के आधार पर की जाती है।

प्रदेश की स्थिति पड़ोसी राज्य हरियाणा से भी बेहतर है, जहां वर्ष 2023 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 15758 मामले सामने आए हैं। हालांकि हरियाणा में भी सुधार हुआ है, जहां वर्ष 2021 में 16658 मामले सामने आए थे। पंजाब में सबसे अधिक अपहरण, पति या उसके रिश्तेदारों द्वारा क्रूरता, आत्महत्या के लिए उकसाना आदि मामले शामिल हैं।

ड्रग्स ओवरडोज से प्रदेश में सबसे अधिक गंवा रहे जान

रिपोर्ट के अनुसार ड्रग्स ओवरडोज से दूसरे राज्यों के मुकाबले प्रदेश में सबसे अधिक लोग जान गंवा रहे हैं। प्रदेश में वर्ष 2023 के दौरान 89 लोगों ने ड्रग्स ओवरडोज से अपनी जान गंवाई है। पंजाब के बाद दूसरे नंबर पर मध्य प्रदेश में 85 और तीसरे नंबर पर राजस्थान में 84 लोगों की मौत हुई है। बॉर्डर स्टेट होने के चलते प्रदेश में ड्रग्स की काफी समस्या है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की हाल ही में जारी रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में ड्रोन से ड्रग्स की तस्करी के केस एक साल के अंदर ही छह गुना बढ़ गए हैं। चार जिले अमृतसर, तरनतारन, फिरोजपुर व गुरदासपुर इससे बुरी तरह से प्रभावित हैं।

 

किसानों के आत्महत्या करने के 14.71 फीसदी मामले हुए कम

प्रदेश में किसानों के आत्महत्या करने के मामलों में भी पहले से कमी आई है जो वर्ष 2022 के मुकाबले 14.71 फीसदी कम हो गए हैं। वर्ष 2022 में किसानों की आत्महत्या के 204 मामले आए थे, जो वर्ष 2023 में होकर 174 हो गए हैं। इसी तरह कृषि मजदूरों की खुदकुशी के मामले भी कम हुए हैं। वर्ष 2022 में कृषि मजदूरों की खुदकुशी के 47 मामले आए थे, जो वर्ष 2023 में कम होकर 33 हो गए हैं। प्रदेश के किसानों व मजदूरों में लोन आत्महत्या का सबसे बड़ा कारण माना जा रहा है। वित्त मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश के 37.62 लाख किसानों पर 1,04,353 लाख करोड़ रुपये कर्ज है जिसमें कमी आने की जगह बढ़ोतरी होती जा रही है। प्रदेश में किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) की बकाया राशि भी मार्च 2025 तक बढ़कर 57,536 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है।

 

बच्चों के खिलाफ अपराध के मामलों हुए कम

इसके अलावा बच्चों के खिलाफ अपराध के मामले भी पहले से कम हुए हैं जिनमें 3.68% की कमी आई है। वर्ष 2021 में बच्चों के खिलाफ अपराध के 2556 मामले आए थे जो वर्ष 2023 में कम होकर 2462 हो गए हैं। बच्चों के खिलाफ सबसे अधिक अपहरण के मामले सामने आ रहे हैं।

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