खुंब अनुसंधान निदेशालय (डीएमआर) चंबाघाट, सोलन में 28वें राष्ट्रीय मशरूम मेले के दौरान मशरूम को दैनिक आहार का हिस्सा बनाने पर जोर दिया गया। इस मौके पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) नई दिल्ली में बागवानी के सहायक महानिदेशक डॉ. सुधाकर पांडेय ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। पुणे, महाराष्ट्र से पेशेवर टेनिस खिलाड़ी और युवा उद्यमी स्नेहल माने विशेष अतिथि के रूप में मौजूद रहीं। निदेशालय के निदेशक डॉ. वीपी शर्मा ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
उन्होंने खुंब उत्पादन के शुरुआत के इतिहास पर चर्चा करते हुए पिछले वर्षों में खुंब पर हुए कार्यों पर प्रस्तुति दी। मुख्यातिथि ने निदेशालय की ओर से किए जा रहे अनुसंधान कार्यों की प्रशंसा करते हुए देश के उत्पादकों से आह्वान किया कि वह निदेशालय के साथ मिलकर इस उभरते हुए उद्योग को और आगे बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि मशरूम एक संपूर्ण भोजन है, जिसे प्रत्येक देशवासी अगर अपने दैनिक आहार में शामिल करे तो कई गंभीर बीमारियों से छुटकारा पाया जा सकता है।
इस अवसर पर निदेशालय की ओर से प्रकाशित 3 पुस्तकों का विमोचन भी किया गया, जो किसानों, उद्यमियों एवं विद्यार्थियों को मशरूम उत्पादन में सहायता प्रदान करेंगी। मेले में देश के 14 राज्यों और दो केंद्र शासित राज्यों से 600 से अधिक किसानों, उद्यमियों और विद्यार्थियों ने कृषक संवाद में भाग लिया। इसमें वैज्ञानिकों की ओर से उनकी समस्याओं के लिए आवश्यक सुझाव दिए गए। मेले में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड से भी लोग पहुंचे। मंच संचालन डॉ. अनुराधा श्रीवास्तव ने किया।
देश में चल रहे 32 परियोजना केंद्र
मशरूम अनुसंधान निदेशालय सोलन देश का एकमात्र ऐसा संस्थान है, जिसके देश में 32 अखिल भारतीय समन्वित मशरूम परियोजना केंद्र हैं। मुख्यातिथि ने निदेशालय से कृषि विश्वविद्यालयों और कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से उत्पादन तकनीकों को देश के कोने-कोने तक पहुंचाने की अपील की। उन्होंने किसानों को जागरूक करने के लिए समय-समय पर मेले, सेमिनार, प्रशिक्षण शिविर लगाने पर भी जोर दिया।
मशरूम उत्पादन में ओडिशा पहले स्थान पर
मशरूम उत्पादन में भारत चौथे स्थान पर है। दो से तीन माह की अल्प अवधि में ही अच्छी आय प्राप्त हो रही है। देश में मशरूम उत्पादन में ओडिशा पहले स्थान पर आ गया है। बिहार दूसरे और छत्तीसगढ़ तीसरे स्थान पर है। हिमाचल आठवें स्थान पर पहुंच गया है। पिछले कुछ वर्षो से हिमाचल में मशरूम उत्पादन घट रहा है। इसका मुख्य कारण कच्चा माल महंगा होना बताया जा रहा है